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नवोदित क्षत्रिय नेता को नहीं मिला भाव!

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विशेष प्रतिनिधि
30 मार्च 2023

PATNA : ये वाले भी क्षत्रिय नेता हैं. वो वाले भी क्षत्रिय नेता हैं. ये वाले ताजा-ताजा बने हैं. वो वाले पके-पकाये और तपे-तपाये क्षत्रिय नेता हैं. एक एकदम से नये तो दूसरे बहुत पुराने. कहानी यह है कि पुराने वाले क्षत्रिय नेता की बेटी की शादी (Marriage) थी. महीनों से कार्ड बंट रहा था. हिदायत यह थी कि एक भी आदमी छूटने नहीं पाये. संघर्ष के दिनों के दोस्तों के अलावा नये दोस्तों को भी कार्ड (Card) भेजा गया. प्रायः सभी राज्यों से क्षत्रिय लोग शादी में पहुंचे. हजारों की भीड़ लग गयी. सरकार (Government) के लोग भी बढ़-चढ़ कर शादी में हिस्सा ले रहे थे. खाना भी क्षत्रियों की तरह था. एकाध सौ बकरों के अलावा मुर्गियां भी हजारों की संख्या में हलाल हुईं. मछलियां तो समर्थकों के तालाबों से निकल कर सीधे किचन (Kitchen) में कूद पड़ीं. भीड़ के बावजूद सबको खाना मिलने की गारंटी की गयी थी. समर्थक ही मेहमान (Guest) और मेजबान (Host) की भूमिका अदा कर रहे थे.


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नहीं दे पाये जवाब
यह तो हुई शादी का किस्सा. उधर नये बने क्षत्रिय नेता (Leader) समर्थकों के इस सवाल से परेशान हो गये कि सबको देखा, आप नजर नहीं आये. बेचारे जवाब नहीं दे पाये. इन सवालों से खीज कर रह गये. बात सही है. राज्य के सबसे बड़े क्षत्रिय नेता की बेटी (Daughter) की शादी में नवोदित क्षत्रिय नेता की गैर हाजिरी संदेह पैदा कर रही थी. समर्थकों ने अनुमान लगाया कि पुराने नेता ने जलन में नये नेता को न्यौता नहीं दिया है. लेकिन, असली बात कुछ और निकली. सबको पता है कि नये वाले नेता ने महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के नाम पर बड़ा जलसा किया. पूरे राज्य (State) का भ्रमण किया. भीड़ भी जुटी. कुल मिलाकर आयोजन अच्छा रहा. एक गलती भ्रमण के दौरान हो गयी थी. औरंगाबाद (Aurangabad) की बैठक में नये नेता ने पुराने नेता के बारे में कुछ अटपटा बोल दिया था. उस दिन के उनके भाषण की वीडियो किसी ने पुराने नेता को भेज दी.

एक तरह से अच्छा ही हुआ
संयोग ऐसा हुआ कि वीडियो की आमद उसी समय हुई, जब कार्ड (Card) पर नाम पता लिखा जा रहा था. वीडियो देखते-देखते पुराने नेता ने अपने बहुत पुराने अंदाज में नये नेता के लिए वह सब बोलना शुरू किया, जिसका उपयोग लोग अपने खास (Special) रिश्तेदारों के लिए करते हैं. हालांकि, उन्होंने नये नेता को कार्ड भेजने से मना नहीं किया. कार्ड पर नाम पता लिखने वालों ने खुद से निर्णय लिया कि ऐसी दशा में नये नेता को कार्ड देना उचित नहीं होगा. कार्ड दे दिये और उन्हें देखकर पुराने नेता अपने बहुत पुराने फार्म में आ गये तो अकल्पनीय दृश्य उत्पन्न हो सकता है. इसी फेर में नये नेता को कार्ड नहीं दिया गया. खबर है कि जल्द ही पुराने नेता के विधायक (MLA) पुत्र की भी शादी होने वाली है. हो सकता है कि उस समय तक संबंध सामान्य हो जाये.

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