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रोमांचक रहस्यः लटकते पत्थरों से बना है यह मंदिर!

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तापमान लाइव ब्यूरो
23 मई 2023

PATNA : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर (Gwalior) संभाग के बीहड़ों में मुरैना से लगभग 35 किलोमीटर दूर है सिहोनिया गांव. उसी गांव में है भगवान भूतनाथ यानी शिव (Shiv)को समर्पित ककनमठ मंदिर (Kakanmath Temple). 11वीं शताब्दी के इस मंदिर ने अनूठी स्थापत्य कला को समेट रखा है. लटकते पत्थरों से बने इस मंदिर के बीचोबीच शिवलिंग (Shivling) स्थापित है. यह अपने आप में अनोखा है. इसलिए कि वहां नंदी महाराज नहीं हैं. विशेषता यह कि मंदिर के निर्माण में चूना या गारा का इस्तेमाल नहीं हुआ था. पत्थरों को एक दूसरे से सटाकर बनाये गये 120 फीट ऊंचे ककनमठ मंदिर का ऊपरी सिरा और गर्भगृह सैकड़ों साल बाद भी पूरी तरह सुरक्षित है.

ककनमठ मंदिर की ऐसी है दीवार.

तोप के गोलों का भी असर नहीं
अद्भुत बात यह भी कि मंदिर तकरीबन 10 किलोमीटर दूर से ही दिखायी पड़ने लग जाता है. देखने पर लगता है कि यह कभी भी गिर सकता है. पर, हकीकत यह है कि सैकड़ों वर्षों से यह इसी तरह टिका हुआ है. अब शिव की महिमा मानिये या संयोग, आसपास के सभी मंदिर ध्वस्त हो गये हैं, लेकिन ककनमठ मंदिर पूर्व की तरह अब भी सुरक्षित है. कहा जाता है कि मुगल शासकों (Mughal rulers) ने इसे तोड़ने के लिए तोप के गोले तक दागे थे, लेकिन मंदिर का कुछ नहीं बिगड़ा.


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रानी ककनावती ने कराया था निर्माण
ककनमठ मंदिर का निर्माण कछवाह वंश के राजा कीर्ति सिंह (Raja Kirti Singh) के शासनकाल में हुआ था. स्थानीय मान्यताओं के मुताबिक कीर्ति सिंह की पत्नी रानी ककनावती (Rani Kaknavati) भगवान शिव की अनन्य भक्त थीं. उन्होंने ही इस मंदिर का निर्माण कराया था. इसलिए इसका नाम ककनमठ मंदिर पड़ा. मंदिर मिट्टी के टीले पर बना हुआ है. स्थानीय लोग बताते हैं कि भगवान शिव के आदेश पर भूतों ने सिर्फ एक दिन में इस मंदिर का निर्माण किया. निर्माण का काम रात में शुरू हुआ.

भूतों ने बनाया था मंदिर
लेकिन, सुबह के वक्त गांव के एक महिला ने आटा पीसने के लिए चक्की चलायी तो उसकी आवाज सुन भूत भाग गये, मंदिर का काम अधूरा रह गया. मंदिर के चारो तरफ खंभे बने हुए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि दन खंभों की गिनती आज तक कोई नहीं कर पाया है. यह रहस्य भी मंदिर को बेहद खास बनाता है. पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. लेकिन, सच यह भी है कि शाम ढलने के बाद मंदिर परिसर में कोई नहीं रुकता है. बताया जाता है कि रात का दृश्य ऐसा हो जाता है कि उसे देख किसी की भी रूह कांप जा सकती है.

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