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आखिर है तो राजा की ही भूंजा पार्टी न…

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विशेष प्रतिनिधि
29 मई 2023

PATNA : सुशासन बाबू का भाव इन दिनों बहुत लोगों को परेशान कर रहा है. उनकी खुशी और उनके गम का अंदाजा कोई नहीं लगा पाता है. कब किस बात पर और किस पर खुश हो जायें, कब नाराज हो जायें, कहना किसी के लिए मुश्किल है. भूंजा (Bhunja) पार्टी के सम्मानित सदस्यगण भी उनके भाव और उससे बनने वाली भंगिमा को लेकर बहुत परेशान रहते हैं. कभी-कभी इतने खुश हो जाते हैं कि भूंजा का डबल डोज चल जाता है. कभी जल्दी-जल्दी भकोसने वाले किसी सदस्य (Member) को डांट भी देते हैं कि आराम से भकोसिये. भागा नहीं जा रहा है. बहुत है. कम पड़ेगा तो और आ जायेगा. आखिर राजा की भूंजा पार्टी है जी.


सुशासन बाबू जवाब सुनकर और गरम हो गये. पूछ दिया कि आप कैसे दलित हैं. पुराने जमाने के जमींदारों की तरह रहते हैं. चंदन लगाते हैं. तरह-तरह का माला पहनते हैं. उठना बैठना आरएसएस वालों के साथ होता है. शादी-ब्याह भी दलित में नहीं करते हैं. बताइए. किस एंगल से आप दलित हैं.


कैसे दलित हैं जी…
एक दिन की बात है. भूंजा पार्टी के एक सदस्य जबरदस्त ढंग से चंदन लपेट कर भूंजा खींच रहे थे. धोखे से कुछ ज्यादा नमक (Salt) चला गया. उनका बुरा-सा मुंह बना. सुशासन बाबू ने बुरे मुंह को देखकर बहुत बुरा माना. अपने मुंह में रखे भूंजा को पेट में पहुंचाने के बाद सुशासन बाबू बोले-आप दलित हैं क्या? भूंजा पार्टी के उस सदस्य का मुंह भरा हुआ था. सवाल (Question) सुनकर मुंह में लार की आपूर्ति ठप हो गयी. पानी पीकर उन्होंने गला तर किया. बहुत तकलीफ में जवाब दिया-जी. सुशासन बाबू जवाब सुनकर और गरम हो गये. पूछ दिया कि आप कैसे दलित हैं. पुराने जमाने के जमींदारों की तरह रहते हैं. चंदन (Chandan) लगाते हैं. तरह-तरह का माला पहनते हैं. उठना बैठना आरएसएस (RSS) वालों के साथ होता है. शादी-ब्याह भी दलित में नहीं करते हैं. बताइए. किस एंगल से आप दलित हैं.


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मौका मिल गया
ऐसे मौके पर दरबार का जो दस्तूर होता है, उस समय भी हुआ. भूंजा पार्टी के बाकी सदस्य मुंह दबाकर हंसने लगे. राजा (King) किसी को लपेट रहा हो तो बाकी दरबारी हंसकर ही अपनी प्रतिक्रिया देते हैं. उस समय वहां भी वही हो रहा था. भूंजा पार्टी समय से पहले ही बर्खास्त हो गयी. सभी सदस्य अपने अपने घर के लिए निकल गये. खोजबीन शुरू हुई तो पता चला कि भूंजा पार्टी के ही किसी सदस्य ने सुशासन बाबू को जानकारी दी थी कि आजकल इनके लक्षण ठीक नहीं चल रहे हैं. फूल वाली पार्टी के नेताओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं. इरादा लोकसभा (Lok Sabha) में जाने का है. क्षेत्र का चयन भी कर लिया है. इधर से टिकट कंफर्म हुआ तो इधर रहेंगे. नहीं हुआ तो उधर चले जायेंगे. तभी से राजा उन्हें खबर लेने के लिए खोज रहे थे. उस दिन मौका मिल गया.

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