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प्रकृति के रहस्य छिपे हैं इस गुफा में

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तापमान लाइव ब्यूरो
11जुलाई 2023

मेघालय (Meghalaya) में एक ऐसी गुफा की जानकारी मिली है जिससे जलवायु परिवर्तन (Climate change) के कई रहस्य खुल सकते हैं. वैज्ञानिकों (Scientists) की मानें तो इस गुफा की बनावट कुछ ऐसी है कि इसकी मदद से बाढ़ और सूखे का अनुमान लगाया जा सकता है. अमेरिका (America) में वंडेरबिल्ट यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्त्ताओं ने 50 साल में मेघालय में मौमलुह गुफा के भीतर टपकने वाले चूना-पत्थर के बढ़ते ढेर का अध्ययन किया है. इस अध्ययन में उन्होंने पाया कि इस गुफा की छत के टपकाव से फर्श पर जमा हो जाने वाले चूना-पत्थर के ढेर की तलछटी की मदद से सूखे, बाढ़ और मानसून के बारे में अनुमान लगाया जा सकता है.


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असामान्य संबंध
इस अध्ययन में पूर्वोत्तर भारत (India) में सर्दी की बारिश और प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) में जलवायु की स्थिति का असामान्य संबंध देखने को मिला है. इसमें बताया गया है कि मौमलुह गुफा और आसपास के इलाके में चूना-पत्थर का ढेर, घटनाओं की पुनरावृत्ति, पिछले कुछ हजार सालों में भारत में सूखे का संकेत देते हैं. मेघालय दुनिया में सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र माना जाता है. मानसूनी क्षेत्रों में चूना-पत्थर के ढेर वैश्विक पर्यावरण तंत्र को समझने में मददगार हो सकते हैं. साथ ही ये पर्यावरण में होने वाले परिवर्तन को भी दिखाते हैं. गुफा के अंदर हवा के साथ जल के प्रवाह से शुष्क मौसम में टपकने वाले चूने के ढेर को बढने में मदद मिलती है.

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