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बेंगलुरू बैठक : इसलिए छायी थी नीतीश कुमार के चेहरे पर मायूसी !

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विशेष प्रतिनिधि
18 जुलाई 2023 
Bengaluru : केंद्र से भाजपा (BJP) की विदाई के लिए बुलायी गयी विपक्षी दलों की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जबर्दस्त अपमान का सामना करना पड़ा. नीतीश कुमार जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह (Rajeev Ranjan Singh urf Lalan Singh) एवं जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) के साथ सोमवार की शाम पटना (Patna) से बेंगलुरू पहुंचे. एयरपोर्ट से उतरते ही उन्हें अपमान का सामना करना पड़ा. बेंगलुरू एयरपोर्ट से कार्यक्रम स्थल मतलब होटल की दूरी करीब 40 किलाेमीटर है. सड़क के दोनों किनारे महागठबंधन (Mahagathbandhan) की बैठक में शामिल होने वाले नेताओं के फोटो वाले बड़े – बड़े पोस्टर लगाये गये थे. उन्हीं के बीच-बीच में नीतीश कुमार का अकेला पोस्टर भी बड़ी संख्या में लगाया गया. इसमें नीतीश कुमार को अस्थिर प्रधानमंत्री उम्मीदवार (Unstable Prime Ministerial Candidate) बताया गया .‌आश्चर्य की बात यह है कि ऐसे पोस्टर उन जगहों पर अधिक संख्या में लगाये गये , जहां राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के पोस्टर भी लगे हुए हैं.


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सरकार हटा सकती थी पोस्टर
बड़े आयोजनों में जहां अति महत्वपूर्ण नेताओं की आमद रफ्त होती है, एयरपोर्ट से लेकर आयोजन स्थल तक जाने वाली सड़कें विशेष सुरक्षा के दायरे में आ जाती हैं. वहां चौबीसो घंटे न सिर्फ सुरक्षा का प्रबंध रहता है, बल्कि यह भी देखा जाता है कि मार्ग और आसपास कोई अवांछित सामाना न हो. कोई अवांछित गतिविधि न चल रही हो. आयोजन से एक दिन पहले ही पूरे रास्ते और आयोजन स्थल को विशेष सुरक्षा के लिहाज से सील कर दिया जाता है. जाहिर है, बेंगलुरू में भी सुरक्षा का ऐसा ही इंतजाम किया गया था. इतनी सुरक्षा के बाद भी कोई राजनीतिक दल या संगठन नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अपमानित करने वाला पोस्टर लगाकर कैसे निकल गया. सहज बुद्धि यही कहती है कि यह सब स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व की सहमति से ही हुआ है. कर्नाटक (Karnataka) में कांग्रेस (Congress) की सरकार है. कांग्रेस, भाजपा या कोई और राजनीतिक दल विरोधियों के प्रति इतने सहिष्णु नहीं है कि विराधियों को मन की बात करने की छूट दे दे.

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