दागी को भी बुला लिया कुलपति पद के साक्षात्कार में!
संजय वर्मा
02 दिसम्बर 2023
Patna : बिहार के लोगों ने नये कुलाधिपति से उच्च शिक्षा में समायी सड़ांध के मिटने की बड़ी उम्मीद लगा रखी थी. कारण उच्च शिक्षा के मामलों में राज्य सरकार के शिक्षा विभाग का अनावश्यक हस्तक्षेप हो या अराजकता से स्वार्थ साधने वालों की कूटनीतिक चाल, उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. विशेष कर विश्वविद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में. वर्तमान में सात विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. दो- चार दिनों से नहीं, महीनों से. सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) के आदेश-निर्देश और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रावधानों के अनुरूप कुलपतियों की नियुक्ति होनी है. इसके लिए सर्च कमेटी बनायी गयी है. अलग – अलग विश्वविद्यालय (University) के लिए अलग- अलग सर्च कमेटी.
मामला मुजफ्फरपुर का
भीम राव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर में कुलपति के लिए 25 नवम्बर 2023 को सर्च कमेटी के समक्ष अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ. विश्वविद्यालय के सूत्रों से मिली सूचना के मुताबिक मुम्बई के एक प्राध्यापक सर्च कमेटी के अध्यक्ष थे. एक विधान पार्षद राज्य सरकार के नामित सदस्य थे. तीसरा सदस्य चंडीगढ़ के थे. मिली जानकारी के अनुसार साक्षात्कार एक ही दिन में दो पाली में संपन्न हुआ. जो कमेटी स्क्रीनिंग करती है वही साक्षात्कार (Interview) भी लेती है. स्क्रीनिंग कमेटी ने घपले – घोटालों में घिरे रहने वाले एक विश्वविद्यालय के एक पूर्व कुलपति का नाम भीम राव अम्बेदकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के लिए शॉर्टलिस्टेड किया. साक्षात्कार सूची में पूर्व कुलपति का नाम क्रम संख्या 11 पर था.
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अमर्यादित व अनुशासनहीन
यह हर किसी को मालूम है कि प्रशासनिक अक्षमता , अकादमिक विफलता तथा भ्रष्टाचार (Corruption) के मामले को लेकर उक्त पूर्व कुलपति को कभी कुलाधिपति कार्यालय ने जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. कुलाधिपति-सह-राज्यपाल के प्रधान सचिव ने वजाप्ते उन्हें पत्र जारी कर उनकी अक्षमता (Disability) को सार्वजनिक किया था. उन पर कुलाधिपति द्वारा गठित जांच समिति को जांच से रोकने का गंभीर आरोप भी था. कुलाधिपति कार्यालय ने उनके इस आचरण को घोर निंदनीय, अमर्यादित एवं अनुशासनहीन बताया था. आश्चर्य है कि जिस व्यक्ति को कुलाधिपति कार्यालय ने ‘अक्षम, अयोग्य और अनुशासनहीन’ माना था , उसी का कुलपति पद पर बहाली के लिए साक्षात्कार लिया गया. दूसरी तरफ बहुत सारे योग्य एवं सक्षम लोगों को इस पद के लायक नहीं माना गया. पता नहीं, यह सब कुलाधिपति कार्यालय के संज्ञान में है भी या नहीं.
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