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कयासों में हैं बड़े-बड़े नाम

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राजकिशोर सिंह
19 मार्च 2024

Nawada : लगभग साल भर पहले 02 अप्रैल 2023 को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने हिसुआ में आयोजित बड़ी जनसभा में नवादा में ‘अपना उम्मीदवार’ खड़ा करने की घोषणा की थी. अन्य मामलों में जो हुआ हो, इस मामले में उनकी घोषणा सच साबित हुई है. राजग (NDA) में नवादा संसदीय क्षेत्र भाजपा (BJP) के हिस्से में आ गया है. उम्मीदवारी किसे मिलेगी, इस पर निर्णय होना शेष है. कयासों में बड़े-बडे़ नाम हैं. सबसे ज्यादा चर्चा गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) के नाम की हो रही है. बेगूसराय में किसी दूसरे को अवसर उपलब्ध करा उन्हें यहां के मैदान में उतारा जा सकता है. बेगूसराय में गिरिराज सिंह को भाजपा के कार्यकर्त्ताओं द्वारा काला झंडा दिखाने और भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ने के बाद इस चर्चा को कुछ अधिक विस्तार मिल रहा है.

अनिल सिंह का क्या होगा?
गिरिराज सिंह की संभावित उम्मीदवारी की चर्चाओं के बीच पूर्व विधायक अनिल सिंह (Anil Singh) भी अपनी उम्मीदवारी की बाबत आश्वस्त दिख रहे हैं. गौरतलब है कि सांसद बनने की उनकी चाहत बहुत पुरानी है. 2008 के परिसीमन में इस क्षेत्र के आरक्षण मुक्त होने के बाद से ही वह आकुल-व्याकुल हैं. हर चुनाव में जुगत भिड़ाते हैं, दुर्भाग्यवश कामयाबी नहीं मिल पाती है. इस बार उनकी आश्वस्ति का क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा. अनिल सिंह के अलावा अन्य मजबूत दावेदारों में राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) और वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी (Aruna Devi) के पति अखिलेश सिंह (Akhilesh Singh) के नाम लिये जा रहे हैं. विवेक ठाकुर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. सीपी ठाकुर (Dr. C P Thakur) के पुत्र हैं. स्वजातीय समाज पर डा. सीपी ठाकुर की सम्मानजनक पकड़ है.


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विकास वैभव के नाम की चर्चा
बाहुबली छवि के अखिलेश सिंह का भी अपना दबदबा है. उम्मीदवारी के लिए उन्होंने पटना (Patna) से दिल्ली (Delhi) तक तार जोड़ रखा है. दावेदारी भाजपा की प्रदेश मंत्री डा. पूनम शर्मा (Dr. Punam Sharma) ने भी पेश कर रखी है. भाजपा के अंदरुनी सूत्रों पर भरोसा करें, तो गिरिराज सिंह को बेगूसराय में जमाये रखा गया तो सहमति मिलने पर नवादा में बेगूसराय (Begusarai) जिला निवासी चर्चित युवा आईपीएस अधिकारी विकास वैभव (Vikash Vaibhav) को अवसर उपलब्ध कराया जा सकता है. वैसे, इंडियन मेडिकल असोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. सहजानंद सिंह (Dr. Sahjanand Singh) भी उम्मीदवारी के लिए अचानक सक्रिय हो उठे हैं.

टिमटिमाती संभावना
2019 में लोजपा उम्मीदवार के रूप में चंदन सिंह (Chandan Singh) निर्वाचित हुए थे. वह मोकामा (Mokama) के सकरवार टोला निवासी पूर्व सांसद सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) के भाई और पूर्व सांसद वीणा देवी (Veena Devi) के देवर हैं. उनका जुड़ाव पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) के नेतृत्व वाली रालोजपा से था. रालोजपा के राजग से अलग हो जाने के बाद चंदन सिंह ने पशुपति कुमार पारस का साथ छोड़ दिया है. इस बीच पशुपति कुमार पारस से पिंड छुड़ाकर भागे पूर्व सांसद सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) ने जिस अंदाज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और राजग का गुण गाया है उससे चंदन सिंह को भाजपा की उम्मीदवारी मिलने की संभावना टिमटिमाने लगी है.

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