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रोक देंगे ललन सिंह… गिरिराज सिंह की राह !

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विकास कुमार
08 जून 2024
Patna : नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) एनडीए (NDA) संसदीय दल का सर्वसम्मत नेता चुन लिये गये. संसद भवन (Parliament House) के सेंट्रल हॉल में शुक्रवार को आयोजित संसदीय दल की बैठक में राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने नेता पद के लिए उनके नाम का प्रस्ताव रखा. सभी ने समर्थन किया. भविष्य में क्या होगा यह अभी नहीं कहा जा सकता. 09 जून 2024 को नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री (Prime Minister) पद की शपथ लेंगे. उसके साथ ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) का गठन हो जायेगा. चूंकि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पहली बार ‘एनडीए का वास्तविक मंत्रिमंडल’ गठित होगा इसलिए घटक दलों के प्रतिनिधित्व को जानने-समझने के लिए हर कोई उत्सुक है.

तीन मंत्री जदयू के !

एनडीए के घटक जदयू (JDU) के कथित अविश्वसनीय राजनीतिक चरित्र के मद्देनजर बिहार के लोगों में ऐसी जिज्ञासा कुछ अधिक है. खासकर यह जानने की उत्सुकता है कि जदयू को मंत्री के कितने पद मिलने वाले हैं. वैसे तो इसकी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है, पर कयास अवश्य लगाये जा रहे हैं कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल में सहभागिता के लिए एनडीए के घटक दलों में जिस फार्मूले पर मंथन हो रहा है उस पर सहमति बन गयी तो जदयू के हिस्से में मंत्री के तीन पद आ सकते हैं. हालांकि, अपेक्षा उसकी अधिक की है.

तब लटक जायेंगे ललन सिंह

फिलहाल तीन को ही अवसर उपलब्ध होता है तो वैसे भाग्यशाली कौन- कौन हो सकते हैं. बातें कई तरह की हो रही हैं. पर, यह प्रायः तय है कि मंत्रिमंडल में सामाजिक समूहों को प्रतिनिधित्व 2025 के विधानसभा चुनाव को दृष्टिगत रख ही मिलना है. ऐसे में जदयू सवर्ण, पिछड़ा और अतिपिछड़ा को अवसर उपलब्ध करा सकता है. सवर्ण में भूमिहार समाज के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह (Rajiv Ranjan Singh alias Lalan Singh) की मजबूत दावेदारी है. विश्लेषकों का मानना है कि ललन सिंह को मौका मिला तब जदयू के संजय झा (Sanjay Jha) , भाजपा के गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) एवं विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) की राह अवरुद्ध हो जा सकती है. संजय झा को मौका मिला तो फिर ललन सिंह लटक जा सकते हैं. वैसी स्थिति में विवेक ठाकुर की किस्मत चमक जा सकती है.

अतिपिछड़ा समाज

जदयू पिछड़ा वर्ग में कुशवाहा समाज को महत्व दे सकता है. ऐसा हुआ तब सुनील कुमार कुशवाहा (Sunil Kumar Kushwaha) का सितारा बुलंद हो जा सकता है. वैसे, गिरधारी यादव (Girdhari Yadav) और दिनेश चन्द्र यादव (Dinesh Chandra Yadav) में से भी किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन, ऐसा तभी होगा जब भाजपा (B J P) में नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को नजरअंदाज कर दिया जायेगा. वैसी स्थिति में सुनील कुमार कुशवाहा भी छंट जा सकते हैं. अतिपिछड़ा समाज से दिवंगत समाजवादी नेता भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर (Karpuri Thakur) के पुत्र रामनाथ ठाकुर (Ramnath Thakur) का जदयू कोटे से मंत्री बनना करीब -करीब तय है. जदयू ऐसा इसलिए भी करेगा कि इससे अतिपिछड़ा समाज में तो वह प्रभाव बढ़ायेगा ही, कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का श्रेय बटोर रही भाजपा की अतिपिछड़ा राजनीति की धार को भी कुंद कर देगा.


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इनका बनना तय है

इस तरह ललन सिंह, सुनील कुमार कुशवाहा और रामनाथ ठाकुर को जदयू का संभावित मंत्री माना जा सकता है. भाजपा ब्राह्मण समाज से गोपालजी ठाकुर, भूमिहार से विवेक ठाकुर, राजपूत से जनार्दन सिंह सिग्रीवाल (Janardan Singh Sigriwal) या राजीव प्रताप रूड़ी (Rajeev Pratap Rudy) , वैश्य समाज से धर्मशीला गुप्ता (Dharamsheela Gupta) और अतिपिछड़ा वर्ग से डा. भीम सिंह चन्द्रवंशी (Dr. Bhim Singh Chandravanshi) को मंत्री बना सकती है. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Jitan Ram Manjhi) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) का मंत्री बनना तो तय है ही.

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