उपेन्द्र कुशवाहा पुंग गये… ! अब दूसरा कौन?
विकास कुमार
03 जुलाई 2024
Patna : बिहार विधान परिषद के उपचुनाव में जदयू (JDU) की ओर से भगवान सिंह कुशवाहा (Bhagwan Singh Kushwaha) को उम्मीदवार बनाये जाने से ऐसा माना जाने लगा कि राज्यसभा (Rajya Sabha) की रिक्त हुई दो सीटों के उपचुनाव में उसकी दावेदारी संभवतः नहीं होगी. लेकिन, एक सीट के उम्मीदवार का चयन उसकी सहमति से होगा. पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र (Patliputra parliamentary constituency) से निर्वाचित मीसा भारती (Misa Bharti) द्वारा खाली की गयी सीट का. इस सीट का कार्यकाल 07 जुलाई 2028 तक है. वैसे तो एनडीए में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से राज्यसभा की सदस्यता का आश्वासन पाये कई नेता हैं, पर इस बार किसी को अवसर मिलने की संभावना नहीं दिखती है.
करना होगा इंतजार
संसदीय सीटों के बंटवारे के वक्त का अलग- अलग आश्वासन केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान (Chirag Paswan) और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) को भी मिला हुआ है. ऐसा कहा जाता है कि चिराग पासवान अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा का सदस्य बनवाना चाहते हैं तो लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में पूरी तरह उपेक्षित कर दिये गये पशुपति कुमार पारस की बेचौनी खुद के लिए है. इस बाबत कुछ दिनों पूर्व उन्होंने भाजपा के केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात भी की थी. कोई असर नहीं पड़ा. परिस्थितियां सामान्य रहतीं तो दोनों में से किसी एक की इच्छा पूरी हो जाती. पर, अब थोड़ा इंतजार करना पड़ जा सकता है.
आभार जता दिया कुशवाहा ने
राज्यसभा के उपचुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है. तब भी एनडीए (NDA) ने एक सीट के लिए उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की उम्मीदवारी तय कर दी है. अब वह राजद (RJD) की मीसा भारती द्वारा खाली की गयी सीट से उम्मीदवार होंगे या भाजपा के विवेक ठाकुर (Vivek Thakur) द्वारा खाली की गयी सीट से, इसकी आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने सिर्फ इतना कहा है कि निर्णय एनडीए का है, उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए के उम्मीदवार होंगे. इससे ऐसा समझा जा सकता है कि वह मीसा भारती द्वारा खाली की गयी सीट से उम्मीदवार बनाये जा सकते हैं. क्या होता है क्या नहीं यह वक्त बतायेगा, अपनी उम्मीदवारी के लिए उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) समेत एनडीए के तमाम बड़े नेताओं का आभार जता दिया है.
बनाये जा सकते हैं मंत्री
रालोमो सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा काराकाट (karakat) संसदीय क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार थे. अपनों की साजिश का शिकार बन गये. सूत्रों के मुताबिक भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के भी संज्ञान में है कि उनकी हार में पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं की संदिग्ध भूमिका रही है. वैसे, चुनाव परिणाम के बाद के हालात ने भी उपेन्द्र कुशवाहा को एनडीए में महत्व मिलने का आधार खड़ा कर दिया है. कहते हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाये जाने के पक्ष में हैं यह भी तय है कि उपेन्द्र कुशवाहा चुने जाते हैं तो उन्हें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
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भाजपा में कई दावेदार
राज्यसभा की दूसरी सीट भाजपा के विवेक ठाकुर के नवादा से लोकसभा का सदस्य निर्वाचित होने से रिक्त हुई है. इस सीट का कार्यकाल 09 अप्रैल 2026 तक है. विश्लेषकों की मानें, तो मीसा भारती द्वारा खाली की गयी सीट से उपेन्द्र कुशवाहा उम्मीदवार होते हैं तो इस सीट से भाजपा अपना उम्मीदवार उतार सकती है. टकटकी कई नेताओं ने लगा रखी है. लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी से वंचित कर दिये गये अश्विनी चौबे (Ashwini Choubey) और रमा देवी (Rama Devi) तो आशान्वित हैं ही, पाटलिपुत्र से हार गये रामकृपाल यादव (Ramkripal Yadav) और आरा से हार गये आर के सिंह (R K Singh) के नाम भी संभावितों में शामिल हैं. वैसे, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (आरसीपी सिंह) भी एक दावेदार हैं. परन्तु, उन्हें अवसर मिलने की संभावना इस वजह से नहीं बनती है कि उनके नाम पर नीतीश कुमार नाक भौं सिकोड़ ले सकते हैं.
ऐसा भी हो सकता है
बढ़ी उम्र के मद्देनजर अश्विनी चौबे और रमा देवी को राज्यपाल बनाये जाने की संभावना है. भाजपा और नरेन्द्र मोदी के प्रति अखंड निष्ठा और क्षेत्र में जनप्रियता को देखते हुए रामकृपाल यादव को मौका प्रदान किया जा सकता है. पूर्व केन्द्रीय मंत्री आर के सिंह के नाम पर भी विचार हो सकता है. वैसे, भाजपा नेतृत्व ऐसे मामलों में चौंकाऊ निर्णय लिया करता है. इस मामले में भी वैसा हुआ तो भूमिहार समाज के किसी नये चेहरे को राज्यसभा की सदस्यता मिल सकती है. एक संभावना यह भी है कि बंटवारे में एक सीट जदयू के हिस्से में गयी तो पूर्व सांसद महेन्द्र प्रसाद उर्फ किंग महेन्द्र (Mahendra Prasad alias King Mahendra) के भाई उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू (Umesh Sharma alias Bhola Babu) की किस्मत चमक जा सकती है. एनडीए की अभी की राजनीति में भाजपा की जो स्थिति है उसमें ऐसा ही हो जाये तो वह अचरज की कोई बात नहीं होगी.
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