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जीतन सहनी प्रकरण : फंस गये सहनी ! बात सूदखोरी की

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विकास कुमार

20 जुलाई 2024

Darbhanga: दरभंगा पुलिस ने वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) के पिता जीतन सहनी (Jeetan Sahani) की नृशंस हत्या के मामले का उद्भेदन कर दिया है. हत्या सूदखोरी को लेकर हुई. पड़ोस के अफजला टोला (Afzla Tola) के काजिम अंसारी (Kazim Ansari) ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया. दरभंगा के वरीय पुलिस अधीक्षक जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी (Jagunath Reddy Jalareddy) के मुताबिक काजिम अंसारी ने जमीन गिरवी रख ऊंचे ब्याज पर जीतन सहनी से डेढ़ लाख रुपये कर्ज ले रखे थे. कर्ज और ब्याज की रकम नहीं चुकाने के विवाद में उसने उनके खून से हाथ धो लिया. पर, मुकेश सहनी इस खुलासे से इत्तेफाक (Coincidence) नहीं रखते.

झुठला पाना आसान नहीं

मीडिया में उनका बयान आया कि पुलिस की इन बातों में तनिक भी सच्चाई नहीं है कि उनके पिता ब्याज पर पैसे लगाते थे. जरूरतमंदों की आर्थिक मदद अवश्य करते थे, पर सूद नहीं लेते थे. मुकेश सहनी के इस कथन का आधार क्या है यह नहीं कहा जा सकता. पर, पुलिस ने सूदखोरी से संबंधित ढेर सारे सबूत इकट्ठा कर रखे हैं. विश्लेषकों की मानें तो उन सबूतों (Evidences) को झुठला पाना मुकेश सहनी के लिए आसान नहीं होगा. मुकेश सहनी इसलिए कुछ अधिक विचलित हैं कि सूदखोरी के आरोप सामने आने से उनकी राजनीति (Politics) गहरे रूप से प्रभावित हो जा सकती है.

तीन गिलासों का रहस्य क्या?

बहरहाल, हत्यारे और हत्या के कारणों का उद्भेदन तो पुलिस ने कर दिया, पर कुछ रहस्य ऐसे हैं जिनका खुलासा होना भी आवश्यक माना जा रहा है. मसलन जीतन सहनी के अस्त-व्यस्त कमरे में बिखरे खून के कतरों के बीच मिले तीन खाली गिलास और उनमें दिखे तरल पेय पदार्थ के अंश का रहस्य क्या है? तरल पेय पदार्थ शराब का अंश था या कुछ और था, इसका सच भी सार्वजनिक (Public) होना चाहिये. दरभंगा परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक बाबू राम (Babu Ram) के अनुसार बरामद गिलास और तरल पेय पदार्थ के अंश की जांच करायी जा रही है.

खाने-पीने के शौकीन थे

वैसे तो जीतन सहनी सख्त शराबबंदी में प्रतिबंधित शराब (Banned Liquor) का सेवन करते होंगे, इस पर विश्वास नहीं किया जा सकता. पर, उस दिन उनके अभिशप्त घर के समीप जुटे लोगों के बीच से यह बात भी निकली कि खाने-पीने के शौकीन थे. एक आवाज आयी-घर में बैठकी जमती थी. उस शाम को भी जमी थी. स्थानीय लोगों की इन बातों में यदि सच्चाई है, तो पुलिस को यह भी पता लगाना चाहिये कि उस शाम की बैठकी में कौन-कौन लोग थे? जिस सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) के आधार पर पुलिस ने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया वे लोग उसमें नहीं थे. इसकी पुष्टि इससे होती है कि वे सब साढ़े दस बजे रात में जीतन सहनी के घर की रेकी कर ग्यारह बजे के करीब लौट गये थे. फिर डेढ़ बजे रात में घर में घुस कर जीतन सहनी का काम तमाम किया था.


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हथियार कहां है ?

दूसरा रहस्य उस धारदार हथियार से जुड़ा है जिससे क्रूरता की हद पार की गयी. वह हथियार (Weapon) कहां से आया? नरपिशाच खुद लेकर आये थे या जीतन सहनी के घर में रखा मिला था? हथियार की बरामदगी नहीं हो पायी है, तो फिर वह है कहां? अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय जेएस गंगवार (JS Gangwar) के मुताबिक उस हथियार को अपराधियों ने बगल के गढ्ढे में जमे पानी में फेंक दिया था. गढ्ढे में खोज हो रही है. लेकिन, अभी तक बरामदगी नहीं हो पायी है. पुलिस के मुताबिक जीतन सहनी के आवास से दो बाइक बरामद हुए थे. उसका रहस्य भी मायने रखता है. वैसे, कहा जाता है कि वे भी कर्ज के एवज में बंधक थे. पुलिस के मुताबिक उन दो में एक काजिम अंसारी का है.

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