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सुल्तानगंज-देवघर : उमड़ पड़ी आस्था कांवरिया पथ पर

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विजय कुमार राय

23 जुलाई 2024

Deoghar : सुल्तानगंज (Sultanganj) के अजगैबीनाथ धाम में सोमवार को श्रावणी मेला (Shravani Mela) का शुभारंभ हुआ. वैसे तो कांवर यात्रा (Kanwar Yatra) की शुरुआत पहले हो चुकी थी, लेकिन आज उसका विधिवत उद्घाटन हुआ. पवित्र सावन माह की पहली सोमवारी को हजारों श्रद्धालु सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा (Uttervahini Ganga) से जल उठा देवघर की यात्रा पर निकले. जो श्रद्धालु पहले जल ले गये थे उन सबने देवघर में द्वादश शिवलिंग (Dvadash Shivaling) पर जलार्पण किया. पूजा-अर्चना की. हजारों श्रद्धालुओं ने आषाढ़ पूर्णिमा के दिन भी सुल्तानगंज में गंगा जल उठाया था. सुल्तानगंज से लेकर देवघर तक संपूर्ण कांवरिया पथ (Kanwariya Path) में गेरुआ रंग छा गया है. ‘बोल बम’ के नारे गूंज रहे हैं.

मेला का उद्घाटन

सुल्तानगंज के नमामि गंगे घाट (Namami Gange Ghat) पर श्रावणी मेला का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary), विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha), राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डा. दिलीप जायसवाल (Dr. Dilip Jaiswal), क्षेत्रीय विधायक प्रो. ललित नारायण मंडल (Pro. Lalit Narayan Mandal) ने संयुक्त रूप से किया. झारखंड (Jharkhand) के देवघर में श्रावणी मेला का उद्घाटन रविवार को ही हो गया था. परम्परा के अनुरूप आषाढ़ पूर्णिमा के दिन सुल्तानगंज- देवघर कांवरिया पथ में बिहार-झारखंड (Bihar-Jharkhand) राज्य की सीमा पर अवस्थित दुम्मा (Dumma) में वैदिक विधि-विधान से मेला का शुभारंभ हुआ. झारखंड राज्य के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथलेश कुमार ठाकुर (Mithlesh Kumar Thakur) तथा कृषि मंत्री दीपिका पाण्डेय सिंह (Deepika Pandey Singh) ने संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.


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अरघा व्यवस्था लागू

दोनों मंत्रियों ने कांवरियों की सुविधा और सुरक्षा का पूरा ख्याल रखने का आश्वासन दिया. क्षेत्रीय भाजपा विधायक नारायण दास (Narayan Das) ने भी अपने विचार रखे. देवघर के उपायुक्त विशाल सागर (Vishal Sagar) ने अपने स्वागत भाषण में प्रशासनिक व्यवस्था की जानकारी दी. उनके मुताबिक श्रावणी मेला का उद्घाटन होते ही बाबा मंदिर (Baba Mandir) में स्पर्श पूजा बंद कर अरघा व्यवस्था लागू कर दी गयी है. यानी अरघा के माध्यम से शिवलिंग (Shivalinga) पर जलार्पण हो रहा है. श्रावणी मेला अवधि में वीआईपी, वीवीआईपी और आउट ऑफ टर्म दर्शन पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है. शीघ्र दर्शनम् कूपन इस बार छह सौ रुपये में मिल रहे हैं. पिछले साल पांच सौ रुपये में मिलते थे.

कांवर यात्रा का महत्व

पवित्र श्रावण माह की पहली सोमवारी को लाखों शिवभक्तों ने बाबाधाम (Babadham) में द्वादश शिवलिंग पर जलार्पण कर सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया. शिवपुराण (Shivpuran) में जलार्पण के महत्व की चर्चा कुछ इस प्रकार है. समुद्र मंथन के बाद जो हलाहल विष निकला था उसे अपने कंठ में रख भगवान शिव (Bhagwan Shiva) ने सृष्टि की रक्षा की थी. विष के प्रभाव को कम करने के लिए देवताओं ने उन पर जल अर्पित किया था. तभी से जलार्पण की परम्परा बनी हुई है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान राम (Bhagwan Ram) ने भी सुल्तानगंज से गंगा जल ले जाकर द्वादश शिवलिंग पर अर्पित किया था.

इस साल पांच सोमवारी

इस साल 29 दिन के सावन माह की शुरुआत सोमवार से हुई है और अंत भी सोमवार से होगा. इसमें पांच सोमवार पड़ेंगे. कृष्ण पक्ष में दो और शुक्ल पक्ष में तीन. 22 जुलाई को पहला, 29 जुलाई को दूसरा, 05 अगस्त को तीसरा, 12 अगस्त को चौथा और 19 अगस्त को पांचवा सोमवार. इन 29 दिनों में सर्वार्थ सिद्धि योग, शिव वास, अमृत सिद्धि योग, प्रीति योग सहित कई शुभ योग हैं. सनातनियों में ऐसी मान्यता है कि इस पवित्र माह में भगवान शिव की पूजा, जलाभिषेक (Jalabhishek) और महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra) के जाप से बाधा, रोग, शोक, कर्ज आदि से मुक्ति मिलती है.

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