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बड़ा सवाल : क्यों कर ली तेजस्वी ने हरे गमछे से तौबा !

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विकास कुमार
07 सितम्बर 2024

Patna : क्या वाकई हरा अंगोछा ‘लफुआगिरी’ का लाइसेंस है? राजद के अघोषित सुप्रीमो तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) द्वारा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए घोषित ‘ड्रेस कोड’ से हरा गमछा को बाहर कर दिये जाने के बाद लोग एक-दूसरे से यह सवाल पूछ रहे हैं. हालांकि, राजद ने हरा अंगोछा को लफुआगिरी से नहीं जोड़ा है. इस आशय का किसी का कोई बयान भी नहीं आया है. पर, विश्लेषकों का आकलन है कि बहुत कुछ ऐसी ही समझ के तहत तेजस्वी प्रसाद यादव ने हरे अंगोछे से पिंड छुड़ा लिया है. मकसद क्या है, यह राजद के रणनीतिकार ही बता सकते हैं.

लालू ने बताया था ‘लाइसेंस’
वैसे, सामान्य समझ में विपक्ष (Opposition) द्वारा बनायी गयी ‘उत्पाती छवि’ से निजात पाने के ख्याल से ऐसा किया गया है. गौरतलब है कि उसकी इसी ‘उत्पाती छवि’ को एनडीए ने अपना चुनावी मुद्दा बना रखा है. राजद के नेताओं – कार्यकर्ताओं के लिए पहले शायद कोई ‘ड्रेस कोड’ नहीं था. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) ने 2021 में उनके लिए हरा गमछा और हरे रंग की टोपी धारण करने का फरमान जारी कर दिया. इसे राजद से जुड़े होने का ‘लाइसेंस’ बताया गया. तभी से राजद (RJD) के दलीय कार्यक्रमों में हरा गमछा और हरे रंग की टोपी लहराने लगी.

तेजस्वी ने बदल दिया
तब कहा गया था कि एक संप्रदाय विशेष में राजद का आकर्षण बनाये रखने के लिए लालू प्रसाद ने ऐसा किया. 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के दौरान तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी खूब हरा गमछा लहराया. उसी गमछे का मुरेठा बांध – बांध कर नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को कोसा. लेकिन, इधर अचानक उन्होंने राजद के उस ‘ड्रेस कोड’ को बदल दिया है. हरे अंगोछा को उससे निकाल दिया है. हरे रंग की टोपी को अपनी जगह बनाये रखा है.

नये युग की नयी सोच
ऐसा ‘ड्रेस कोड’ उन्होंने 10 सितंबर 2024 से शुरू होने वाली अपनी ‘कार्यकर्ता संवाद यात्रा’ के लिए जारी किया है. राजनीतिक (Political) हलकों में इसकी खूब चर्चा हो रही है. राजद इसे नये युग की नयी सोच मानता है. पर, भाजपा की नजर में यह राजद में ‘लालू युग’ की औपचारिक समाप्ति (Formal Termination) है. उसके मुताबिक तेजस्वी प्रसाद यादव अब राजद को अपने हिसाब से हांकेंगे. जो हो, तेजस्वी प्रसाद यादव के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद कायम करने की इस मुहिम को 2025 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से जोड़कर देखा जा रहा है.


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सतर्कता का एक हिस्सा है
गौर करने वाली बात है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद बहुत कम सीटों के अंतर से बहुमत से दूर रह गया था. तेजस्वी प्रसाद यादव इस बार अकेले अपने दम पर सत्ता में आने के लिए कोई चूक नहीं होने देने के प्रति सजग- सतर्क हैं. ‘कार्यकर्ता संवाद यात्रा’ में हरे अंगोछे पर प्रतिबंध उसी सतर्कता- सजगता का एक हिस्सा है. समझ संभवतः यह कि ‘हरे गमछे का हुड़दंग’ स्वतंत्र सत्ता (Independent Power) की उनकी संभावनाओं को समेट दे सकता है.

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