समस्तीपुर जिला परिषद : आवाज तो उठी धनबल के खिलाफ
प्रवीण कुमार सिन्हा
30 जनवरी, 2022
SAMASTIPUR : समस्तीपुर जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पदों के चुनाव का परिणाम जो आया हो, जिला पार्षद रिंकी कुमारी (Rinki Kumari) ने इस चुनाव में धनबल के अनैतिक इस्तेमाल का आरोप उछाल स्थानीय राजनीति को चौंका दिया. धनबल के इस खेल को पंचायती राज जैसी लोकतांत्रिक संस्था के लिए घातक बता उन्होंने चुनाव का बहिष्कार कर दिया. उनके मुताबिक यह मतदाताओं और समाज के जनसेवा के मूल्यबोध पर कुठाराघात है. रिंकी कुमारी उजियारपुर (Ujiyarpur) प्रखंड के मालती गांव निवासी भाकपा-माले नेता फूलबाबू सिंह (Fulbabu Singh) की पत्नी हैं. फूलबाबू सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में वारिसनगर (Warisnagar) से महागठबंधन (Mahagathbandhan) में भाकपा-माले के उम्मीदवार थे.
खूब हो रही चर्चा
रिंकी कुमारी की इस पहल को कुछ लोग नक्कारखाने में तूती की आवाज भले मान रहे हों, इलाकाई लोगों में इसकी खूब चर्चा हो रही है. विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले समय में यह पंचायत चुनाव की राजनीति का बड़ा मुद्दा बन जाये तो वह अचरज की कोई बात नहीं होगी. रिंकी कुमारी की इस आवाज के बीच हुए जिला परिषद (Zila Parishad) के अध्यक्ष पद के चुनाव में निवर्तमान अध्यक्ष प्रेमलता (Premlata) की शर्मनाक हार हो गयी. कारण पूर्व के कार्यकाल में लगे वित्तीय अनियमितता के आरोप रहे या ‘प्रबंधन’ में चूक हो गयी, यह नहीं कहा जा सकता. जीत कल्याणपुर प्रखंड (Kalyanpur Prakhand) की कोठिया गांव निवासी खुशबू कुमारी (Khusboo Kumari) की हुई.
सिर्फ खुद का मत मिला
महिला (पिछड़ा वर्ग) के लिए सुरक्षित इस पद के चुनाव में तीसरे उम्मीदवार के तौर पर रीना राय (Rina Ray) भी मैदान में थीं. उनका दुर्भाग्य रहा कि उन्हें एक मत मिला- सिर्फ खुद का मत. हैरानी की बात यह रही कि प्रस्तावक और समर्थक भी उनसे दूर छिटक गये. इस चुनाव का दिलचस्प पहलू यह भी है कि मुकाबला राजग (NDA) के दो बड़े घटक दलों के समर्थकों में ही हुआ. खुशबू कुमारी के पति कोठिया निवासी अरुण साह (Arun sah) के भाई विक्रांत कुमार (Vikrant Kumar) भाजपा (BJP) अतिपिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश मंत्री हैं. इस आधार पर खुशबू कुमारी को भाजपा समर्थक प्रत्याशी माना गया. निवर्तमान अध्यक्ष प्रेमलता के पति मोहिउद्दीन नगर (Mohiuddin Nagar) प्रखंड के राजाजान गांव निवासी धर्मेन्द्र साह (Dharmendra Sah) समस्तीपुर जिला जदयू (JDU) अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं. इस दृष्टि से प्रेमलता को जदयू समर्थक उम्मीदवार के तौर पर जाना और समझा गया.
एक मत से हुआ फैसला
आरक्षण मुक्त उपाध्यक्ष पद के लिए सिर्फ दो उम्मीदवार थे. पहली बार जिला पार्षद निर्वाचित हुए ठाकुर उदय शंकर (Thakur Uday Shankar) और अंजना कुमारी (Anjana Kumari). इन्हीं दोनों के बीच सीधा मुकाबला हुआ. हार-जीत का फैसला सिर्फ एक मत से हुआ. 24 मत प्राप्त कर ठाकुर उदय शंकर पिछड़ गये, जीत अंजना कुमारी की हुई. रोचक बात यह कि उपाध्यक्ष पद का चुनाव मोरवा (निर्वाचन क्षेत्र संख्या 16) की जिला पार्षद श्वेता यादव (Sweta Yadav) भी लड़ना चाहती थीं. लेकिन, कोई प्रस्तावक और समर्थक ही नहीं मिला. श्वेता यादव के पति प्रो. शील कुमार राय (Shilkumar Ray) हैं. 2001 में वह समस्तीपुर जिला परिषद के अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे. 2005 में दलसिंहसराय (Dalsinghsarai) विधानसभा क्षेत्र (अब विलोपित) से विधायक भी रह चुके हैं. केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय (Nityanand Ray) से निकटता रहने की वजह से 2020 में उन्हें उजियारपुर (Ujiyarpur) विधानसभा क्षेत्र से भाजपा की उम्मीदवारी मिली थी. यह अलग बात है कि जीत नसीब नहीं हो पायी थी.
नहीं मिले प्रस्तावक और समर्थक
स्थानीय स्तर के इतने बड़े नेता की पत्नी श्वेता यादव को उपाध्यक्ष के चुनाव में प्रस्तावक और समर्थक नहीं मिले इससे अधिक हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है. हालांकि, इसके पीछे भी राजनीति थी. श्वेता यादव उम्मीदवार होतीं, तो खुद तो निर्वाचित नहीं ही हो पातीं, स्वजातीय अंजना कुमारी को भी हार का मुंह देखना पड़ जाता. वैसी स्थिति में बाजी ठाकुर उदय शंकर के हाथ लग जाती. आश्चर्यजनक ढंग से यह राजनीति भाजपा (BJP) और राजद (RJD) के नेताओं ने मिलकर की. उधर, जिला परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष प्रेमलता और उनके पति धर्मेन्द्र साह की निकटता शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Chaudhary) से है. इसी आधार पर वह 2020 के विधानसभा चुनाव में मोहिउद्दीननगर से जदयू (JDU) की दावेदार हो गयी थीं. उस सीट के भाजपा के हिस्से में जाने से उनके मंसूबे पर पानी फिर गया था. अध्यक्ष पद के चुनाव में प्रेमलता की हार से विजय कुमार चौधरी की साख पर भी बट्टा लग गया.
आपस में भिड़ गये राजद समर्थक
जिस तरह अध्यक्ष के चुनाव में राजग समर्थकों के बीच मुख्य मुकाबला हुआ, उसी तरह उपाध्यक्ष के चुनाव में राजद समर्थक आपस में भिड़ गये. उपाध्यक्ष निर्वाचित अंजना कुमारी समस्तीपुर के बेझाडीह गांव निवासी विनोद कुमार राय (Vinod Kumar Ray) की पत्नी हैं. विनोद कुमार राय समस्तीपुर जिला राजद के पूर्व अध्यक्ष और समस्तीपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक (Central Co-operative Bank) के चेयरमैन (Chairman) हैं. अंजना कुमारी समस्तीपुर सदर (निर्वाचन क्षेत्र संख्या-11) से जिला पार्षद निर्वाचित हुई हैं. चूंकि राजद नेता विनोद कुमार राय की पत्नी हैं इसलिए उन्हें महागठबंधन समर्थक उम्मीदवार के रूप में देखा गया. बाजितपुर पंचायत के हरपुर सिंघिया गांव निवासी ठाकुर उदय शंकर समस्तीपुर सदर (निर्वाचन क्षेत्र संख्या-9) से विजयी हुए हैं. उनके पिता डा. गिरीश कुमार ठाकुर (Dr. Girish Kumar Thakur) अधिवक्ता हैं.
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तेज-तर्रार युवा नेता
उदय शंकर ठाकुर समस्तीपुर शहर में संचालित मशहूर लक्ष्य साइंस एण्ड कामर्स कोचिंग (Lakshya Science & Commerce Coaching) के डायरेक्टर हैं. राजनीति में उनका जुड़ाव सजायाफ्ता पूर्व सांसद आनंद मोहन (Anand Mohan) संरक्षित संगठन फ्रेंड्स ऑफ आनंद (Friends of Anand) से है. वह इस संगठन के प्रदेश महासचिव हैं. आनंद मोहन के परिवार से उनकी नजदीकी रहने की बात कही जाती है. 2020 के विधानसभा चुनाव में समस्तीपुर से फ्रेंड्स ऑफ आनंद की ओर से उनकी उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही थी. लेकिन, राजद से गठबंधन हो जाने और इस सीट के उसके कोटे में जाने के कारण वह चुनाव लड़ने से वंचित रह गये. बहरहाल, जिला परिषद के उपाध्यक्ष के चुनाव में उनकी हार जरूर हो गयी, लेकिन छवि जिले के उभरते तेज-तर्रार युवा नेता के रूप में अवश्य निखर गयी है.
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