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दरभंगा : सुनील चौधरी की राह रोक रहे संजय झा!

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विजयशंकर पाण्डेय
07 फरवरी, 2022

DARBHANGA : राजग में दरभंगा विधान परिषद (Darbhanga Vidhan Parishad) की सीट भाजपा (BJP) के हिस्से में गयी है. उम्मीदवारी को लेकर जदयू (JDU) में भी मारामारी की स्थिति थी. जल संसाधन मंत्री संजय झा (Sanjay Jha) अपेक्षाकृत अधिक दिलचस्पी दिखा रहे थे. ऐसा कहा जाता है कि पूर्व विधायक सुनील चौधरी (Sunil Chaudhary) के मंसूबे को फलीभूत नहीं होने देने के लिए वह इस सीट को जदयू के हिस्से में लाने के लिए एड़ी-चोटी एक किये हुए थे. सामान्य समझ में दरभंगा की राजनीति में संजय झा और सुनील चौधरी में छत्तीस का आंकड़ा है. 2020 के विधानसभा चुनाव में सुनील चौधरी को जदयू की उम्मीदवारी नहीं मिली. कारण अनेक थे. लेकिन, उन्हें आभास हुआ कि इसमें मुख्य रूप से संजय झा ने ही अड़ंगा लगाया. सच क्या है, यह नहीं कहा जा सकता.

अशरफ हुसैन के लिए जोर
विधान परिषद के चुनाव में सुनील चौधरी भाजपा समर्थित उम्मीदवार होंगे. संजय झा (Sanjay Jha) का संपूर्ण सहयोग मिलेगा या औपचारिकता में सिमटा रह जायेगा या भितरघात के रूप में दिखेगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता. जदयू (JDU) के लोग कहते हैं कि संजय झा युवा जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन (Ashram Husain) के लिए जुगत भिड़ा रहे थे. अशरफ हुसैन दरभंगा जिला परिषद के अध्यक्ष रह चुके हैं. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सरकार में समाज कल्याण मंत्री का दायित्व संभाल रहे मदन सहनी (Madan Sahani) उस वक्त राजद (RJD) में थे. अशरफ हुसैन का जुड़ाव उनसे ही था. उनके ही सहयोग से वह जिला परिषद (Zila Parishad) का अध्यक्ष बने थे. इसकी भी दिलचस्प कहानी है.


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मदन सहनी से विश्वासघात
मदन सहनी (Madan Sahani) जिला पार्षद थे. जिला परिषद के अध्यक्ष पद के लिए अशरफ हुसैन के साथ करार हुआ था. ढाई वर्ष के शुरूआती आधे कार्यकाल तक अशरफ हुसैन अध्यक्ष रहेंगे और बाकी में मदन सहनी. कहा जाता है कि ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद अशरफ हुसैन उक्त करार से मुकर गये. यानी मदन सहनी के लिए अध्यक्ष का पद नहीं छोड़ा. खामियाजा अविश्वास प्रस्ताव में पराजय के रूप में भुगतना पड़ा. अध्यक्ष का पद मदन सहनी को मिल गया.

फैला लिया पांव
अशरफ हुसैन की कोई राजनीतिक (Political) पृष्ठभूमि नहीं थी. संयोग से जिला पार्षद निर्वाचित हो गये. महत्वाकांक्षा जगी, अध्यक्ष बने और फिर राजनीति में पांव पसारने लग गये. धीरे-धीरे उनकी निकटता पहले राजद और फिर जदयू के नेताओं से कायम होने लगी. राजद में वह पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी (Abdulbari Sidiki) के करीबी रहे. जदयू में संजय झा (Sanjay Jha) से निकटता कायम कर रखी है. इधर चर्चा यह हो रही है की संजय झा और दरभंगा जिला जदयू के अध्यक्ष विधायक डॉ विनय कुमार चौधरी दिवंगत विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह के पुत्र रंजीत सिंह की राह बनाने में अपनी ताकत खपा रहे हैं. यानी उम्मीदवारी दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं.

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