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बंट गया भूमिहार-ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट!

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विभेष त्रिवेदी
29 नवम्बर, 2022

MUZAFFARPUR : कुढ़नी उपचुनाव में वीआईपी (VIP) और जदयू (JDU) की अघोषित संयुक्त चाल को लेकर धर्मसंकट में फंसा भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट अंततः दोफाड़ हो ही गया है. इस पर नीलाभ कुमार (Nilabh Kumar) को समर्थन देने का भारी दबाव था. इसके पीछे राजद (RJD) और जदयू का बड़ा खेल है. वीआईपी ने भाजपा (BJP) के वोट में विभाजन के लिए युवा भूमिहार नेता एवं यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष नीलाभ कुमार को प्रत्याशी बनाया है.

वीआईपी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) को तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejaswi Prasad Yadav) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) तवज्जो नहीं दे रहे हैं. वह फिर भाजपा में आश्रय ढूंढ़ रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि भाजपा उनकी ताकत समझे. इसी रणनीति के तहत भाजपा को हराने की कोशिश कर रहे हैं. जब तक भाजपा कमजोर नहीं होगी, मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) के सामने दाना नहीं डालेगी. नारा दिया जा रहा है कि कुढ़नी में मल्लाहों और भूमिहारों की एकजुटता से जीत हासिल की जा सकती है. वहां चार बार साधुशरण शाही और एक बार कपिलदेव सिंह विधायक रहे. अब बड़े दल यहां भूमिहार को उम्मीदवार नहीं बनाते हैं.


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साथ मिल रहा आशुतोष कुमार का
नीलाभ कुमार पूर्व विधायक साधुशरण शाही (Sadhusharan Shahi) के नाती दिलीप के पुत्र हैं. युवा ब्रिगेड के संचालक नीलाभ कुमार (Nilabh Kumar) बीच में कुछ महीने तक भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट के कार्यक्रमों में सक्रिय रहे. बाद में राष्ट्रीय जन जन पार्टी के मुखिया आशुतोष कुमार (Ashutosh Kumar) के करीब आ गये. आशुतोष कुमार नीलाभ कुमार को समर्थन दे रहे हैं. आशुतोष कुमार को राजद के करीब देखा जाता है. फ्रंट के कुछ नेताओं का मानना है कि भूमिहार समाज के वोट में विभाजन के लिए आशुतोष कुमार राजद (RJD) के इशारे पर काम कर रहे हैं.

केदार प्रसाद गुप्ता (Kedar Prasad Gupta) पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी (Sushil Modi) और पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा (Suresh Sharma) की पसंद हैं. यही वजह है कि नित्यानंद राय (Nityanand Ray) उन्हें टिकट देने के पक्ष में नहीं थे. टिकट की मांग कर रहे युवा भाजपाई शशिरंजन ने कुढ़नी में सार्वजनिक बैठकें आयोजित कर स्थानीय उम्मीदवार का नारा दिया. दिल्ली (Delhi) में कई विकल्पों पर मंथन की वजह से उम्मीदवार (Candidate) की घोषणा देर से की गयी. वैश्य वोटरों की नाराजगी का खतरा था. केदार प्रसाद गुप्ता की काट में स्थानीय नेता अबोध साह (Abodh Shah) का नाम उछाला गया.

मिल रहा तव्वजो सुरेश शर्मा को 
अंततः सुशील कुमार मोदी ने केदार प्रसाद गुप्ता के लिए वीटो लगाया. जिला भाजपा (BJP) ने सुरेश शर्मा के साथ बैठक कर केदार प्रसाद गुप्ता (Kedar Prasad Gupta) को उम्मीदवार बनाने की मांग की. भूमिहार (Bhumihar) ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट के अध्यक्ष पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा दलगत आधार पर केदार प्रसाद गुप्ता की मदद कर रहे हैं. बोचहां (Bochahan) से सबक ले चुका भाजपा नेतृत्व सुरेश शर्मा को इस बार तवज्जो दे रहा है. दूसरी ओर फ्रंट पर स्वजातीय प्रत्याशी को समर्थन देने के भारी दबाव के मद्देनजर पूर्व मंत्री अजीत कुमार (Ajit Kumar) वैसा करने को बाध्य हो गये. अजीत कुमार फ्रंट के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

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