पछाड़ तो दिया ही… बिखर जायेगा तब ‘बाप’ का सपना!
अशोक कुमार
24 अप्रैल 2024
Purnea : पूर्णिया संसदीय क्षेत्र पर संपूर्ण बिहार की नजर है. हाल यह है कि महागठबंधन के चुनाव (Election) अभियान की कमान संभाल रखे राजद के ‘युवराज’ तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejaswi Prasad Yadav) को लोकसभा के प्रथम और द्वितीय चरण के चुनावों में नौ निर्वाचन क्षेत्रों में से आठ में जितनी ऊर्जा नहीं खपानी पडी होगी, जितना पसीना नहीं बहाना पड़ा होगा, उससे दुगना-तिगुना पूर्णिया में खपाना और बहाना पड़ रहा है. इसके बाद भी जीत की कोई संभावना बनती नहीं दिख रही है.
बदल गया राजद का लक्ष्य
दरअसल महागठबंधन में अकारण अपमानित कर दिये गये राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने निर्दलीय मैदान में उतर परिस्थिति ऐसी बना दी है कि काफी मशक्कत के बाद भी कामयाबी करीब आते नहीं देख तेजस्वी प्रसाद यादव को अपने चुनाव अभियान का लक्ष्य राजद की जीत की जगह पप्पू यादव की हार पर केन्द्रित करना पड़ गया है. अपनी इस ब्यथा का इजहार उन्होंने खुद पूर्णिया की चुनावी सभा में किया. कहा कि राजद प्रत्याशी बीमा भारती (Bima Bharti) को वोट नहीं देना हो तो नहीं दीजिये, पर किसी अन्य को नहीं दे एनडीए (NDA) को दे दीजिये. स्पष्ट तौर पर किसी अन्य का मतलब यहां पप्पू यादव है.
दिख रही हार की झलक
सवाल उठना स्वाभाविक है कि तेजस्वी प्रसाद यादव ने आखिर ऐसा क्यों कहा? क्या पप्पू यादव की विस्तारित चुनावी ताकत में उन्हें राजद (RJD) की हार की झलक दिख रही है? बातें कई तरह की हो रही हैं. उन बातों को कोरा बकवास नहीं कहा जा सकता. सब में कुछ न कुछ दम है. पर, इस हद की नफरत की बड़ी वजह यह है कि जिस ‘बाप’ के लिए तेजस्वी प्रसाद यादव ‘माय’ से मुंह मोड़ रहे हैं , पप्पू यादव के चलते उन्हें उसका दम निकलता महसूस हो रहा है. मतदान के दिन क्या करेंगे यह कहना कठिन, पर आज की तारीख में यादव और मुस्लिम समाज के अधिसंख्य लोग पप्पू यादव का जयकारा लगाते दिख रहे हैं.
राजग समर्थकों में भी सेंध
तीन दर्जन से अधिक विधायकों और वरिष्ठ नेताओं के साथ पूर्णिया में पड़ाव डालने, रोड शो करने, बीमा भारती के आंचल फैला वोट की भीख मांगने, द्वार-द्वार गुहार लगाने के बाद भी हालात राजद के अनुकूल नहीं हो पा रहे हैं. विश्लेषकों की मानें, तो पप्पू यादव ने राजद समर्थक सामाजिक समूहों के एक बड़े तबके को अपनी ओर आकर्षित कर रखा है. एनडीए समर्थक कुछ सामाजिक समूहों में भी सेंध लगा रखी है.
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जूझ रही हैं बीमा भारती
इन सबके मद्देनजर चुनाव की जो तस्वीर उभर रही है उसमें मुख्य मुकाबला जदयू (JDU) के संतोष कुशवाहा (Santosh Kushwaha) और निर्दलीय पप्पू यादव के बीच परिलक्षित हो रहा है. तेजस्वी प्रसाद यादव के अब तक के राजनीतिक जीवन के सबसे कठिनतम चुनावी परिश्रम के बावजूद राजद प्रत्याशी बीमा भारती मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने के लिए ही जूझ रही हैं. तेजस्वी प्रसाद यादव इस कारण कुछ ज्यादा विचलित हैं कि बिहार की राजनीति में ‘माय’ के साथ जिस ‘बाप’ समीकरण का उन्होंने इजाद किया है, पप्पू यादव की जीत से उस पर ग्रहण लग जा सकता है.
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