सम्राट के सिर चढ़ा एक और ‘अध्यक्ष वध’ का ‘पाप’!
राजेश कुमार
21 अगस्त 2021
पटना. मामला पटना जिला परिषद की अध्यक्ष अंजु देवी की पदमुक्ति का है. अनेक आरोपों को लेकर पंचायती राज विभाग की ओर से उनके खिलाफ यह बड़ी कार्रवाई हुई है. इस कार्रवाई को कुछ लोग ‘पुण्य’ का कार्य मानेंगे. खासकर, अध्यक्ष विरोधी खेमे के जिला पार्षद, जिनकी संख्या काफी अधिक हैं, ऐसा ही कहेंगे. परन्तु, कुछ की नजर में यह ‘पाप’ है – ‘अध्यक्ष वध’ का ‘पाप’! कोई प्रत्यक्ष भूमिका रही हो या नहीं, यदि यह ‘पाप’ है तो विभागीय मंत्री के नाते सम्राट चैधरी के सिर चढ़ा है. ‘पुण्य’ है तो वह भी उनके ही खाते में गया है. इस तरह की कठोर कार्रवाई का यह दूसरा मामला है. कमोबेश ऐसे ही आरोपों को लेकर कुछ समय पूर्व पश्चिम चंपारण में ‘अध्यक्ष वध’ हुआ था. ईं. शैलेन्द्र गढ़वाल जिला परिषद के अध्यक्ष थे. उनकी न सिर्फ बर्खास्तगी हुई, बल्कि पांच वर्षों तक जिला परिषद का चुनाव लड़ने पर बंदिश भी लगा दी गयी. इस मामले में अंजु देवी के साथ रियायत बरती गयी है. ईं. शैलेन्द्र गढ़वाल मामले को अदालत में ले गये हैं. अंजु देवी भी अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं.
पटना जिला परिषद अध्यक्ष अंजु देवी की पदमुक्ति के आधार को लेकर मत भिन्नता हो सकती है. परन्तु, पूरे पांच वर्षों का उनका कार्यकाल विवादों से भरा रहा है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता. विवादों का बड़ा कारण खुद को ‘सर्वोपरि’ समझना और योजनाओं के चयन एवं राशि वितरण में पक्षपात तथा संसाधनों का गलत इस्तेमाल रहा है. उपाध्यक्ष ज्योति सोनी और विपक्षी जिला पार्षद योजनाओं एवं राशि के वितरण में पक्षपात एवं असमानता का आरोप उछालते रहे हैं, भ्रष्टाचार पर शोर मचाते रहे हैं. लेकिन, बड़ी चालाकी से अंजु देवी जिला पार्षद बनाम अध्यक्ष के तौर पर सुलगते असमानता एवं अनियमितता के मुद्दे को जिला पार्षद बनाम उपविकास आयुक्त का रूप देती रही हैं. इस बार उनकी यह चालाकी नहीं चल पायी. अध्यक्ष पद से रुख्सत हो गयीं. उपाध्यक्ष ज्योति सोनी अब अध्यक्ष का पद संभाल रही हैं. जिला पार्षदों का आरोप अपनी जगह है, पूर्व विधान पार्षद रामचन्द्र भारती ने तो अंजु देवी पर जिला परिषद की जमीन बेच देने का गंभीर आरोप भी मढ़ रखा है. इन आरोपों में यदि सच्चाई है तो ‘अध्यक्ष वध’ को ‘पुण्य कार्य’ ही माना जायेगा.