नीतीश कुमार ने रोक दिया मंगल पांडेय को?
शिवकुमार राय
6 अक्तूबर, 2021
KISHANGANJ. उद्घाटन नहीं हुआ, यह कोई बात नहीं. आज न कल हो जायेगा. महत्वपूर्ण बात यह कि आखिर उद्घाटन उस दिन हुआ क्यों नहीं? उद्घाटन किशनगंज सदर अस्पताल (Kishanganj Sadar Hospital) में स्थापित ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) का होना था. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय (Mangal Pandey) के कर कमलों से.
वह दो दिवसीय किशनगंज दौरे पर थे. आतिथ्य का भार विधान पार्षद डा. दिलीप जायसवाल (Dr. Dilip Jaiswal) ने उठाया था. सिर्फ इन्हीं का उठाया, ऐसी बात नहीं. जो कोई महत्वपूर्ण-अतिमहत्वपूर्ण व्यक्ति वहां पधारते हैं, प्रायः हर कोई का आतिथ्य वही उठाते हैं. यह उनकी ऐसी खासियत है जिसने उन्हें इस हैसियत में ला दिया है.
हर किसी को प्राप्त नहीं होता
हालांकि, उनका ‘सम्पूर्ण आतिथ्य’ हर किसी को प्राप्त नहीं होता. ऐसा सौभाग्य उन्हें ही मिलता है जो उनकी हैसियत को विस्तार देने का सामर्थ्य रखते हैं. सामर्थ्य क्षीण हुआ नहीं कि सामान्य सुविधा की श्रेणी में डाल दिये जाते हैं. आतिथ्य माता गुजरी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (Mata Gujari Memorial Medical College) एवं लायंस सेवा केन्द्र अस्पताल (Lions Seva kendra Hospital) के ‘अतिथिशाला’ में होता है, जो संभवतः तमाम सुविधाओं से सुसज्जित है. डा. दिलीप जायसवाल उसके प्रबंध निदेशक हैं.
मंगल पाण्डेय को ‘अतिविशिष्ट सुविधा’ हासिल होती है.स्वाभाविक भी है. विभागीय मंत्री के नाते इसके हकदार तो वह हैं ही. स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) नहीं रहते ऐसी सुविधा कभी मिली भी थी या नहीं, यह वही बता सकते हैं. खैर, इस दो दिवसीय किशनगंज दौरे में उन्होंने डा. दिलीप जायसवाल के आतिथ्य का खूब आनंद उठाया.
कनफूसकियां भी हुईं
इसको लेकर कनफूसकियां भी हुईं. उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishor Prasad) के भागलपुर (Bhagalpur) दौरे के दौरान जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल (Narendra Kumar Niraj urf Gopal Mandal) ने उन पर (तारकिशोर प्रसाद) जो कुछ आरोप मढ़े थे वैसी ही कुछ बातें यहां भी चौक-चौराहों पर होने लगी.
चर्चाओं में ‘अतिथिशाला’ भी रही. यह क्षेपक है. अब आते हैं समाचार के मूल विषय पर. सोमवार 4 अक्तूबर 2021 को किशनगंज सदर अस्पताल में नवस्थापित ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन होना था. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उद्घाटन मंगल पाण्डेय को करना था. बताया जाता है कि इसी मुख्य उद्देश्य से वह किशनगंज गये भी थे. तो फिर ऐसा क्या हुआ कि उद्घाटन से मुंह मोड़ हड़बड़ाहट में अररिया (Araria) प्रस्थान कर गये? सदर अस्पताल और वहां स्थापित ऑक्सीजन प्लांट उनके दर्शन को तरसते रह गये?
राजनीतिक दबाव तो नहीं पड़ गया?
समय नहीं मिल पाया या ‘आतिथ्य’ में दिल दुखने-दुखाने वाली कोई बात हो गयी या फिर राजनीतिक दबाव पड़ गया? समय नहीं मिलने की बात सामान्य गले में नहीं उतरती. समय पर्याप्त था. तभी तो किशनगंज के कई भाजपा नेताओं के द्वार पर उनकी चरण धूलि पड़ी. हाशिये पर आह भर रहे ऐसे नेताओं को स्वास्थ्य मंत्री के साथ सपरिवार तस्वीर उतरवाने के अवसर मिल गये.
इसके मद्देनजर यदि समय नहीं मिलने की बात कही जाती है तो वह सिर्फ बहाना है, और कुछ नहीं. ‘आतिथ्य’ में दिल दुखने-दुखाने वाली बात में कुछ दम दिखता है. अपनी इस यात्रा में स्वास्थ्य मंत्री की हैसियत से मंगल पांडेय ने किशनगंज जिले के कई ‘कोरोना वारियर’ को सम्मानित किया.
लोगों को हैरानी हुई कि उद्घाटन के लिए सजी-धजी ऑक्सीजन प्लांट में सिर्फ फीता ही तो काटना था. इतना भी वह नहीं कर पाये! इस पर लोग सुन-गुन रहे थे कि प्रशासनिक महकमे में चर्चा होने लगी कि सरकार के स्तर से अंतिम क्षण में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन रोकवा दिया गया.
सम्मान पर उठे सवाल
यूं कहें कि बिल्कुल सुनियोजित तरीके से उन्हें सम्मानित करवाया गया. आयोजन किशनगंज रेडक्रास (Red Cross) का था. कोरोना संक्रमण काल में कैसी और क्या भूमिका रही यह भगवान जानें, सम्मानित होने वाले अधिकतर लोग स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधि थे. बिहार विधान परिषद (Bihar Vidhan Parishad) के पूर्णिया-अररिया-किशनगंज स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता. डा. दिलीप जायसवाल इसी क्षेत्र से भाजपा के निवर्तमान विधान पार्षद हैं.
इस निर्वाचन क्षेत्र में अगले साल चुनाव होना है. एक तरफ तो पूरे संक्रमण काल में घर से बाहर नहीं झांकने तक वाले लोग सम्मानित हुए तो दूसरी तरफ अनेक वैसे लोगों को एकदम से नजरंदाज कर दिया गया जो अपनी जान जोखिम में डाल कोरोना संक्रमितों के बीच सक्रिय रहे. इस आयोजन और सम्मान के लिए चयन में डा. दिलीप जायसवाल की क्या भूमिका थी, कुछ थी भी या नहीं, यह नहीं कहा जा सकता. पर, इस ‘पक्षपात’ पर सोशल मीडिया में विरोध की एक लहर सी उठ गयी.
नहीं झेल पाये ‘अन्याय’
भाजपा के लोग ही कहते हैं कि उस लहर पर नजर मंगल पांडेय की भी पड़ गयी. इसकी सत्यता का दावा नहीं किया जा सकता, लोग कहते हैं कि मंगल पांडेय इस ‘अन्याय’ को झेल नहीं पाये और समाहरणालय (Samaharnalaya) सभागार में आयोजित स्वास्थ्य विभाग (Helth Department) की समीक्षा बैठक में शामिल होने के बाद सीधे अररिया के लिए प्रस्थान कर गये. सदर अस्पताल की ओर उन्होंने घूमकर भी नहीं देखा.
लोगों को हैरानी हुई कि उद्घाटन के लिए सजी-धजी ऑक्सीजन प्लांट में सिर्फ फीता ही तो काटना था. इतना भी वह नहीं कर पाये! इस पर लोग सुन-गुन रहे थे कि प्रशासनिक महकमे में चर्चा होने लगी कि सरकार के स्तर से अंतिम क्षण में ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन रोकवा दिया गया.
अब मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन
पहले कहा गया कि अगले माह यानी नवम्बर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) का किशनगंज दौरा होगा. उसी दौरान इसका उद्घाटन कराया जायेगा. पर, आनन-फानन में उद्घाटन की तारीख के रूप में 7 अक्तूबर की चर्चा होने लगी. फिर 8 अक्तूबर कहा जाने लगा. यदि इसमें सच्चाई है तो निश्चय ही ऐसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर हुआ होगा. बहरहाल, ऐसा जिस किसी भी स्तर से हुआ, इसे स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का अप्रत्यक्ष अपमान नहीं तो और क्या कहा जायेगा?
वैसे, आधिकारिक तौर पर कहा जा रहा है कि ऑक्सीजन प्लांट का काम पूरा नहीं हो पाया है इसलिए उद्घाटन नहीं कराया गया. यहां सवाल उठता है कि जब निर्माण अधूरा था तो फिर उसके उद्घाटन का कार्यक्रम तय कर उसके उद्घाटन की तैयारी क्यों और कैसे कर ली गयी थी?