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भोजपुरी गीत-संगीत : निर्गुण के रूप में होने लगी है द्विअर्थी अश्लील गानों की व्याख्या

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भोजपुरी के संस्कारित गीत-संगीत में आकंठ समायी अश्लीलता-फूहड़ता पर आलेख प्रकाशित होते रहते हैं. पर, उनमें गंभीरता नहीं होती. यह विद्रूपता क्यों आयी इसका विशद विश्लेषण नहीं होता. छह किस्तों के इस आलेख में इसके कारकों एवं कारणों का सच उघारा गया है. प्रस्तुत है अंतिम  किस्त :-

राजेश पाठक
10 अक्तूबर, 2021

PATNA. एक अश्लील गीतों के गीतकार से जब अश्लीलता की बात चली तो उसने राजकपूर (Rajkapoor) को ही अश्लील बता दिया और भोजपुरी के द्विअर्थी अश्लील गानों की व्याख्या निर्गुण के रूप में करने लगा. असल में आज के भोजपुरिया फिल्मी लोग नग्नता, शृंगार रस और अश्लीलता को एक ही समझते हैं.

वैसे, अब धीरे-धीरे ही सही, अश्लील भोजपुरी फिल्मों का बाजार सिकुड़ रहा है. इसे एक अच्छा संकेत माना जा सकता है. इधर राजद के एक विधायक ने विधानसभा में बड़े दमदार ढंग से भोजपुरी में अश्लीलता के विरुद्ध आवाज बुलंद की थी.

सभी का प्रयास जरुरी
देखना होगा कि बिहार सरकार इस पर क्या एक्शन लेती है. संपूर्ण भोजपुरी विकास मंच के राष्ट्रीय महामंत्री प्रदीप सिंह, भोजपुरिया के सामने जब भोजपुरी में आ गयी अश्लीलता का प्रश्न रखा गया तो उन्होंने बेबाकी से कहा कि बाजारवाद के कारण भोजपुरी के गीत, संगीत और सिनेमा में अश्लीलता भरपूर मात्रा में परोसा जाने लगा है.


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अश्लीलता को परोसने वाले और उसको देखने वाले दोनों ही दोषी हैं. आज जरूरत है कि भोजपुरी संस्कृति की शुद्धता के लिए हर कोई प्रयास करे. नयी पीढ़ी के लोगों को भोजपुरी संस्कार के बारे में गहराई से जानकारी दी जानी चाहिये. वरना नयी पीढ़ी गुमराह हो रही है.

अश्लीलता की ऐतिहासिकता
भोजपुरी के वरीय रचनाकार और भोजपुरी की अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं से जुड़े अविनाश नागदंश (Avinash Nagdansh) ने भोजपुरी गीतों और सिनेमा में बढ़ चुकी अश्लीलता को ऐतिहासिक संदर्भ से जोड़ा.


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उनका मानना है कि ढाई-तीन हजार वर्ष पहले से ही अभिजात्य वर्ग की भाषा तथा आमजन की भाषा में अन्तर रहा है. पर, हमारे यहां काम वासना को कभी बुरा नहीं माना गया. खजुराहो के मंदिरों की दीवारों पर मिथुन मूर्तियां इस बात का प्रमाण है.

पर, फर्क यह है कि कोई भी चीज जब कलात्मक ऊंचाई के साथ प्रस्तुत होती है तो वह श्लील और श्रेष्ठ हो जाती है तथा सेक्स को जब फूहड़ और कलाविहीन रूप में परोसा जाता है तो वह अश्लील और निम्न कोटि की श्रेणी में आ जाता है.
(समाप्त)

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