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सीतामढ़ी : नूरी बेगम की सक्रियता भी बढ़ा रही धड़कनें

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मदन मोहन ठाकुर
4 फरवरी, 2022

SITAMARHI : बिहार विधान परिषद के सीतामढ़ी स्थानीय प्राधिकार निर्वाचन क्षेत्र के लिए दोनों मुख्य गठबंधनों के उम्मीदवारों को लेकर छायी धुंध अब लगभग छंट गयी है. महागठबंधन (Mahagathbandhan) में यह सीट राजद (RJD) के हिस्से में रहेगी और उम्मीदवारी शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर (Shailendra Kumar urf Kabu Khirhar) को मिलेगी. इसी तरह राजग (NDA) में उम्मीदवार उतारने का अवसर जदयू (JDU) को मिला है.

रेखा कुमारी (Rekha Kumari) प्रत्याशी होंगी. इन दोनों के अलावा एक और मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतरेंगी. शिवहर (Sheohar) जिला कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष मोहम्मद असद (Md Asad) की पत्नी नूरी बेगम (Noori Begum) . बिहार में कांग्रेस के महागठबंधन से नाता टूट जाने के बाद की स्थिति में नूरी बेगम उसकी उम्मीदवार होंगी, ऐसा लगभग तय माना जा रहा है.

इस चुनाव का अच्छा खासा अनुभव रखने वाले मोहम्मद असद और नूरी बेगम अपने चुनाव अभियान को गति भी दे रहे हैं. बिहार विधान परिषद के इस परिवर्तित स्वरूप वाले 2003 के प्रथम चुनाव में मोहम्मद असद प्रत्याशी थे. मुकाबला उस दौर के दबंग इलाकाई नेता पूर्व मंत्री सीताराम यादव (Sitaram Yadav) के पुत्र दिलीप कुमार यादव (Dilip Kumar Yadav) से हुआ था. इसे उनका दुर्भाग्य ही माना गया कि महज 17 मतों से मोहम्मद असद पिछड़ गये.

उस वक्त दिलीप कुमार यादव सीतामढ़ी जिला परिषद के अध्यक्ष थे. इसका पूरा लाभ उन्हें विधान परिषद (Vidhan Parishad) के चुनाव में मिला था. उस समय स्थानीय निकाय जनप्रतिनिधियों में यादव समाज के लोगों की संख्या भी अधिक थी. इस बार पंचायत चुनाव में यादव समाज की तुलना में मुस्लिम समाज के जनप्रतिनिधि कुछ अधिक निर्वाचित हुए हैं. ऐसा मोहम्मद असद का दावा है. वह उन सबके समर्थन की उम्मीद रखे हुए हैं.

मोहम्मद असद का मानना है कि राजद समर्थित उम्मीदवार शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर जितना भी जोर लगा लें, इस बार मतदाता सोच-समझकर ही निर्णय करेंगे. जदयू के वरिष्ठ नेता अधिवक्ता विमल शुक्ला (Vimal Shukla) का आकलन है कि कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार के रूप में नूरी बेगम मैदान में उतरती हैं तो जदयू समर्थित उम्मीदवार रेखा कुमारी (Rekha Kumari) का मुकाबला उन्हीं से होगा. राजद समर्थित उम्मीदवार शैलेन्द्र कुमार उर्फ कबू खिरहर मुख्य संघर्ष से अलग हो जा सकते हैं.


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इसलिए कि स्वतंत्र उम्मीदवार उतारने के कांग्रेस के निर्णय से राजद (RJD) का हौसला थोड़ा ढीला पड़ने लगा है. लेकिन, लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह (Arun Kumar Singh) का कुछ और ही मानना है. उनके मुताबिक रेखा कुमारी को राजग का संपूर्ण समर्थन मिलेगा इसमें संदेह है. उस गठबंधन के एक तबके का रुख कुछ और दिख रहा है. रेखा कुमारी के चुनाव अभियान की कमान अधिवक्ता विमल शुक्ला ने संभाल रखी है. ‘वैश्य-ब्राह्मण’ के अपने समीकरण को वह अपराजेय मान रहे हैं.

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