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मोकामा : टूट जायेगा तब ब्रह्मर्षि समाज का वर्चस्व!

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राहुल कुमार सिंह
03 जुलाई, 2022

MOKAMA (PATNA) : बिहार में नगर निकायों के चुनाव कब होंगे, यह अभी तय नहीं हुआ है. वैसे, निकट भविष्य में इसके होने की संभावना बनी हुई है. सरगर्मियां धीरे-धीरे बढ़ रही है. पिछले चुनावों की तुलना में इस बार आम लोगों में दिलचस्पी कुछ अधिक है. ऐसा स्वाभाविक भी है. कारण कि ‘नगर पिताओं’ के चुनाव (Election) का अवसर आम मतदाताओं (Voters) को मिलने वाला है. ‘नगर पिताओं’ से मतलब महापौर, अध्यक्ष और सभापति से है. पहले जनता के चुने हुए प्रतिनिधि उन्हें चुनते थे. तब क्या होता था क्या नहीं यह सर्वविदित है. वैसे भी जनप्रतिनिधियों द्वारा चुने गये ‘नगरपिता’ (Nagarpita) आमतौर पर उनके ही हित की चिंता करते थे. उनके ही प्रति जवाबदेह होते थे. आम जनता के प्रति तनिक भी नहीं. अब वैसा नहीं होगा. उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह होना होगा.

वर्चस्व बाहुबलियों का ही रहा है
राज्य में जिन नगर निकायों (municipal bodies) के चुनाव होने हैं उनमें मोकामा नगर परिषद (Mokama Nagar Parishad) भी एक है. इसे इसकी नियति ही कहेंगे कि एकाध अपवादों को छोड़ इसकी सत्ता पर अब तक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष बाहुबली ही काबिज रहे हैं. कभी पूर्व सांसद सूरजभान सिंह (Surajbhan Singh) के कट्टर समर्थक तो कभी जेल में बंद कुख्यात सरगना निरजेश शर्मा उर्फ नागा सिंह (Nirjesh Sharma urf Naga Singh) के करीबी तो कभी गैंगवार में मारे गये कुख्यात नाटा सिंह (Nata Singh) के खासमखास. इस बार जनता की सीधी भागीदारी होने के बाद भी उससे अलग कुछ होने के आसार नहीं दिख रहे हैं. हालांकि, पूर्व वार्ड पार्षद शंभुनाथ दास (Shambhunath Das) और युवा नेता रौशन भारद्वाज (Raushan Bhardwaj) जैसे विवादरहित छवि के कुछ लोग भी संभावना तलाश रहे हैं. लेकिन, चर्चा ज्यादा वैसे ही लोगोें की हो रही है जिनकी छवि आपराधिक रही है, किसी न किसी रूप में बाहुबलियों से जुड़ाव है या पूर्व में रहा है.


मोकामा नगर परिषद क्षेत्र के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग मुन्ना साव के साथ खड़ा दिखेगा, इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं बनती है. पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ सूरजभान सिंह समर्थक ब्रह्मर्षि समाज के लोग अभी से ही उनके चुनाव अभियान से जुड़े नजर आ रहे हैं. ऐसे में ब्रह्मर्षि बहुल मोकामा नगर परिषद क्षेत्र की राजनीति में मुन्ना साव बड़ा उलटफेर कर दें, तो वह अचरज की कोई बात नहीं होगी.


रोचकता बढ़ायेंगे संजय सिंह
फिलहाल जो कुछ दिख रहा है उसमें पूर्व सांसद सूरजभान सिंह के सर्वाधिक विश्वसनीय माने जानेवाले मुन्ना साव (Munna Saw) के अलावा नगर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष कृष्णबल्लभ उर्फ टुन्ना सिंह (Krishnaballabh urf Tunna Singh) और बाहुबली संजय सिंह (Sanjay Singh) अध्यक्ष पद के चुनाव में उतरने की जबर्दस्त तैयारी में जुटे हैं. इससे चुनाव की रोचकता बढ़ने की संभावना बन रही है. खून-खराबे की आशंकाओं को चर्चाओं में जगह मिल रही है. यह हर कोई जानता-समझता है कि मोकामा में संजय सिंह का भी कभी आतंक था. 1988 से 2000 के बीच कुख्यात (Kukhyat) सरगना नाटा सिंह से गलबहियां कर वह सूरजभान सिंह का सिरदर्द बने हुए थे. सन् 2000 के विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने का मन बना रखे सूरजभान सिंह ने नाटा सिंह और संजय सिंह से रिश्ते सुधार लिये. उनकी ओर से हुई इस पहल का संजय सिंह ने दिल से स्वागत किया और खुद को मोकामा के मैदान से अलग कर देवघर (Deoghar) में अपनी धाक जमा ली. वहीं कारोबार जमा लिया.

उफान खाने लगी महत्वाकांक्षा
बाद के दिनों में सूरजभान सिंह और फिर उनकी पत्नी वीणा देवी (Veena Devi) और उसके बाद भाई चंदन कुमार (Chandan Kumar) के सांसद (Sansad) बनने से संजय सिंह की भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा उफान खाने लग गयी. फलतः नये सिरे से मोकामा में उनकी गतिविधियां बढ़ गयीं. समाज में उनकी साख लगभग वैसी ही बनी थी, जैसी वह छोड़कर गये थे. उस साख को वह और मजबूत बना रहे हैं, लोकप्रियता भी बढ़ा रहे हैं. संजय सिंह स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि सन् 2000 के विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में उनका समर्थन सूरजभान सिंह को नहीं मिलता तो आज यह परिवार राजनीति के मौजूदा मुकाम पर नहीं होता. संजय सिंह के मुताबिक सूरजभान सिंह जब ऊंची जगह पर पहुंच गये तब उन्हें खुद उनके (संजय सिंह) लिए सोचना और कुछ करना चाहिये था. लेकिन, परिवार में ही सिमट कर रह गये.


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कर दे सकते हैं उलट-फेर मुन्ना साव
संजय सिंह इस बार अपनी ताकत पर पूरी मजबूती के साथ मोकामा नगर परिषद (Mokama Nagar Parishad) के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे, ऐसा उनका खुद का कहना है. अध्यक्ष (President) का पद सुरक्षित हो गया, तो उपाध्यक्ष (Up President) पद का चुनाव लड़ने पर विचार करेंगे. उधर, सूरजभान सिंह के अतिकरीबी मुन्ना साव ने अपनी दावेदारी से कई की नींद उड़ा रखी है. स्थानीय लोग मुन्ना साव को सूरजभान सिंह के साया के रूप में देखते-समझते और मानते हैं. इस दृष्टि से मोकामा नगर परिषद क्षेत्र के मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग मुन्ना साव (Munna Saw) के साथ खड़ा दिखेगा, इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं बनती है. पिछड़ा वर्ग के लोगों के साथ सूरजभान सिंह समर्थक ब्रह्मर्षि समाज के लोग अभी से ही उनके चुनाव अभियान से जुड़े नजर आ रहे हैं. ऐसे में ब्रह्मर्षि बहुल मोकामा नगर परिषद क्षेत्र की राजनीति (Politics) में मुन्ना साव बड़ा उलटफेर कर दें, तो वह अचरज की कोई बात नहीं होगी.

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