तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

भागलपुर : बीच सड़क नृशंसता, कांप उठी मानवता!

शेयर करें:

राजकिशोर सिंह / अतीश दीपंकर
06 दिसम्बर, 2022

BHAGALPUR : तमाम तरह की शंकाओं -आशंकाओं के बीच यह करीब-करीब साफ है कि लहराते गिरते पीले पत्ते की माफिक मानवता को कंपा देने वाली पीरपैंती (Pirpainti) की बर्बरता का सीधे तौर पर सांप्रदायिकता से कोई संबंध नहीं है. किसी भी रूप में यह धर्म से जुड़ा मसला नहीं है. स्पष्ट रूप से बेकाबू विधि-व्यवस्था का मामला है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सत्ता का इकबाल और पुलिस (Police) का खौफ खत्म हो जाने का एक और ठोस प्रमाण है. बेमौत काल का ग्रास बनी महिला हिन्दू (Hindu) थी और धारदार हथियार से लगातार 16 बार निर्मम प्रहार कर उसे मौत के मुंह में झोंक देने वाला बहशी कसाई मुसलमान (Muslim) है. इस प्रकरण से धर्म का संबंध बस इतना ही है, इसके अलावा कुछ नहीं. इसके बाद भी इसे बिहार (Bihar) में प्रतिबंधित चरमपंथी मुस्लिम संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के जमते पांव और खास मकसद से लव जिहाद को दिये जा रहे साजिशन विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है तो उसकी संवेदनशीलता और गंभीरता को नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए. मांग उठती है तो, उसे वोट के नजरिये से नहीं देख गहराई से जांच कर आशंकाओं का निवारण कर देना चाहिए. समाज हित में यही बेहतर होगा.

क्षत-विक्षत कर दिया शरीर को
मामला कुछ यूं है. 03 दिसम्बर 2022 को शाम छह बजे के आसपास उक्त महिला पीरपैंती बाजार से खरीदारी कर घर लौट रही थी. सिंधिया (Sindhiya) पुल के समीप कतिपय दरिंदों ने पीछे से गर्दन पर धारदार हथियार (Weapon) से वार कर दिया. वह कुछ समझ पाती उससे पहले ताबड़तोड़ सोलह (Sixteen) बार हमले कर शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया. हाथ, कान काट दिये. दरिंदगी की इंतहा यह कि दोनों स्तन भी काट दिये. उससे आगे पांव काटते कि किसी के आने की आहट सुन उसे तड़पता छोड़ सभी भाग खड़े हुए. कोई राहगीर कराह सुन करीब गया तो, पहचान पीरपैंती थाना क्षेत्र के छोटी दिलौरी निवासी अशोक यादव (Ashok Yadav) की पत्नी नीलम देवी (Neelam Devi) के रूप में हुई. उसी राहगीर ने उसके पति को इस हृदयविदारक वारदात की सूचना दी. अशोक यादव एवं उनके परिजन वारदात स्थल पर पहुंचे. आनन-फानन में भागलपुर (Bhagalpur) ले जाया गया, पर प्राण नहीं बच पाये.

रुपये का लेन-देन
लोग बताते हैं कि अंतिम सांस लेने से पहले नीलम देवी ने अपने पुत्र कुन्दन (Kundan) को बताया कि यह तालिबानी करतूत पीरपैंती बाजार के पश्चिम टोला निवासी दो सिरफिरे भाइयों मोहम्मद शेख शकील (Md Sheikh Shakil) एवं मोहम्मद शेख जुद्दीन (Md Sheikh Juddin) की है. सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर इन दो ‘जल्लाद भाइयों’ ने एक अबला के खून से अपना हाथ क्यों धोया? भाागलपुर (Bhagalpur) के वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम (SSP Babu Ram) के मुताबिक नीलम देवी की नृशंस हत्या रुपये के लेनदेन को लेकर हुई. मोहम्मद शेख शकील से उसके गहरे संबंध थे. बेटी की शादी के वक्त नीलम देवी (Neelam Devi) ने उससे कुछ रुपये लिये थे. लौटाने को लेकर विवाद था. कुछ दिन पहले झगड़ा भी हुआ था. हत्या उसी की परिणति है. भागलपुर के पुलिस उपमहानिरीक्षक विवेकानन्द (Vivekanand) एवं नगर पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रकाश (Swarn Prakash) भी ऐसा ही कुछ कहते हैं. लेकिन, नीलम देवी के पति अशोक यादव का कुछ और कहना है. उनके मुताबिक रुपये के लेनदेन से इसका कोई संबंध नहीं है.


इन्हें भी पढ़ें :
शहाबुद्दीन और लालू परिवार : राजद से अलग मतलब खेल खत्म!
बेगूसराय : चाय की चुस्कियों से टपकती राजनीति!


क्यों थी इतनी घृणा?
अशोक यादव घर में ही किराना की दुकान (Shop) चलाते हैं. दुकान पर नीलम देवी भी बैठती थी. अशोक यादव का कहना है कि अपराधी (Criminal) छवि का मोहम्मद शेख शकील बेमतलब वहां बैठा रहता था. इधर-उधर की बातें और हरकतें भी करता था. इससे दुकानदारी प्रभावित होती थी. दुकान पर आने के लिए उसे रोक दिया गया. अशोक यादव के मुताबिक बात बस इतनी ही थी. इसको लेकर हत्या (Murder) हो जायेगी, ऐसा किसी ने नहीं सोचा था. अशोक यादव जो कहें, नीलम देवी को जिस जघन्य तरीके से मौत दी गयी उससे लगता है कि हत्यारे को उससे बेहद घृणा थी. इतनी घृणा क्यों थी इसको लेकर कई तरह की बातें की जाती हैं.

अकेले क्यों छोड़ दिया बेटा ने
कुछ लोगों का कहना है कि नीलम देवी (Neelam Devi) और मोहम्मद शेख शकील के बीच गहरायी घनिष्ठता परिजनों को पच नहीं रही थी. इसी वजह से मोहम्म्द शेख शकील को न सिर्फ घर और दुकान (Shop) पर आने से रोक दिया गया था, बल्कि नीलम देवी ने भी उससे संपर्क तोड़ लिया था. ऐसा माना जाता है कि यही उसकी हत्या का मुख्य कारण रहा. यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि पीरपैंती बाजार से लौटने के क्रम में नीलम देवी का बेटा कुंदन (Kundan) भी उसके साथ था. सिंघिया पुल के समीप उसे छोड़ आगे बढ़ गया. सिंघिया नाला से सटी दानापुर पहाड़ी (Danapur Pahari) पर मोहम्मद शेख शकील का बासा है. वही उसका अड्डा है. जब मोहम्मद शेख शकील से तनातनी की स्थिति थी तो फिर कुंदन उसकी मांद के मुंह पर मां को छोड़कर अकेला क्यों आगे बढ़ गया? इस क्यों में भी कुछ रहस्य (Mystery) छिपा हो सकता है.

#TapmanLive

अपनी राय दें