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सिमरिया धाम : भाग्य खुला तो दो-दो ‘जानकी पौड़ी’…!

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राजकिशोर सिंह
07 जून 2023

BEGUSARAI : सिमरिया मिथिला, मगध और अंग प्रदेश का भौगोलिक मिलन स्थली है. इस दृष्टिकोण से इसका कोई खास महत्व नहीं है. पर, वहां गंगा (Ganga) उत्तरवाहिनी हैं एवं गंगा और गंगा का संगम होता है. इसलिए इसकी धार्मिकता खास मायने रखती हैं. वहां अन्य अनुष्ठानों के अलावा गंगा के पावन तट पर हर साल कार्तिक माह में होने वाले मासव्यापी कल्पवास का एक अलग महत्व है. सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावना को मद्देनजर इसे राजकीय मेला का दर्जा मिला हुआ है. लेकिन, बिहार (Bihar) में अन्य घाटों की तुलना में सरकार (Government) को संभवतः सर्वाधिक (लगभग 8 करोड़ सालाना) राजस्व देने वाले सिमरिया घाट (Simariya Ghat) की बदहाली वर्णनातीत है. काफी जद्दोजहद के बाद ही सही, कल्पवास के राजकीय मेला घोषित होने के 15 साल बाद राज्य सरकार का ध्यान इस ओर गया है. इसे हरिद्वार (Haridwar) की हर की पौड़ी से भी बेहतर स्वरूप देने की योजना की शुरुआत इसी गंगा दशहरा (30 मई 2023) के दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के हाथों से हुई.

ऐसा ही स्वरुप होगा जानकी पौड़ी का.

मिथिला का प्रवेश द्वार
सनातन शास्त्रों में ऐसी चर्चा है कि भगवान श्रीराम (Sri Ram) मिथिला (जनकपुर) से मां सीता (Sita) के संग अयोध्या (Ayodhya) जा रहे थे तब मिथिला के प्रवेश द्वार सिमरिया के गंगा तट पर उन्होंने विश्राम किया था. इसी प्रसंग के मद्देनजर सिमरिया घाट के बदले स्वरूप को ‘जानकी पौड़ी’ (Janaki Pauri) नाम दिया गया है. नीतीश कुमार ने 2017 में सिमरिया में कुंभ मेला (Kumbh Mela) के उद्घाटन के वक्त इस आशय का आश्वासन दिया था. 9 नवम्बर 2022 को कल्पवास मेला के दौरान इसे दुहराया था. विलंब अवश्य हुआ, जानकी पौड़ी की योजना पर काम शुरू हो गया है. जल संसाधन विभाग की यह योजना करीब एक सौ पन्द्रह करोड़ की है. इसके तहत सिमरिया में निर्माणाधीन सिक्स लेन सड़क पुल के पश्चिम और वर्तमान के राजेन्द्र पुल (Rajendra Pul) के पूरब के हिस्से में 550 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा सीढ़ी घाट (स्नान घाट) बनाया जायेगा. गंगा आरती के लिए खूबसूरत मंच व धार्मिक अनुष्ठान के लिए मंडप के साथ गंगा स्नान करने वालों की जरूरत की तमाम सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी.


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बाकी सब राजनीति है!
कहा जाता है न कि किसी के भाग्य का दरवाजा खुलता है, तो फिर उपलब्धियां ही उपलब्धियां हासिल होने लग जाती हैं. सिमरिया (Simariya) का भाग्य देखिये, दरवाजा खुला तो हरिद्वार की हर की पौड़ी सरीखी एक साथ दो-दो जानकी पौड़ी की सौगात मिलने जा रही है! सिक्स लेन पुल के पश्चिम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की और पूरब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की सौगात! पूरब में महाश्मशान है. उसी के बगल में केन्द्र सरकार (Central Government) की नमामि गंगे योजना के तहत करीब 11 करोड़ की लागत से 63 मीटर लंबा और 25 मीटर चौड़ा सीढ़ी घाट का निर्माण हो रहा है. बगल में विद्युत शवदाह गृह भी बन रहा है. केन्द्रीय मंत्री और क्षेत्रीय सांसद गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) का दावा है कि इस घाट को हरिद्वार के हर की पौड़ी की तरह जानकी पौड़ी का स्वरूप दिया जायेगा.सिमरिया में राजेन्द्र पुल और निर्माणाधीन रेल पुल के पश्चिम मेें एक और घाट है. जिला प्रशासन ने इसे ‘खतरनाक’ घोषित कर रखा है. सर्वमंगला सिद्धाश्रम के संस्थापक स्वामी चिदात्मन जी महाराज (Swami Chidatman Ji Maharaj) उसी खतरनाक घाट पर नियमित गंगा स्नान करते हैं. आज की तारीख में सिमरिया का नया भौगोलिक एवं आध्यात्मिक स्वरूप निखर रहा है, तोे उसमें स्वामी चिदात्मन जी महाराज का भी बड़ा योगदान है. बाकी जो दिखता है वह स्वार्थ की राजनीति (Politics) का हिस्सा है.

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