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राजनीति : तब बदल जायेंगे पशुपति कुमार पारस के भगवान !

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विशेष प्रतिनिधि
20 जुलाई 2023

Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान सचमुच के राजनीतिक विरोधी हो गये हैं. युवा चिराग पासवान (Chirag Paswan) कसम खाकर बैठ गये हैं कि कुछ भी हो जाये, वह नीतीश कुमार के साथ मिलकर राजनीति नहीं करेंगे. तबाह-बर्बाद हो जायें, तब भी नहीं. इधर नीतीश कुमार के दिल में भी चिराग पासवान के लिए कोई नरम रुख नहीं है. वह भी चिराग पासवान को परेशान और कमजोर करने का कोई उपाय नहीं छोड़ रहे हैं. नया मामला पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) का है. चिराग पासवान अड़े हैं कि अगला लाेकसभा चुनाव हाजीपुर (Hajipur) से ही लड़ेंगे. हाजीपुर को लेकर कुछ ऐसी ही जिद चिराग पासवान की भी है.

नाम नहीं बतायेंगे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को जब राजगीर मलमास मेला का उद्घाटन कर पटना एयरपोर्ट (Patna Airport) पर लौटे तो उन्होंने पत्रकारों से देर तक बात की. जमाने बाद यह अवसर पत्रकारों को मिला था, जब नीतीश कुमार उनसे हंसी-खुशी बात कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha), सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi), आरसीपी सिंह (RCP Singh) और जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) को लेकर तल्खी दिखायी. लेकिन, यह भी कहा कि कुछ लोग उधर यानी एनडीए से इधर आना चाह रहे हैं. अभी नाम नहीं बतायेंगे. नाम बता देंगे तो उन लोगों के खिलाफ पता नहीं क्या-क्या कार्रवाई होने लगेगी. यह सब बताते हुए मुख्यमंत्री के चेहरे पर आंतरिक प्रसन्नता का भाव झलक रहा था.

पशुपति कुमार पारस और चिराग पासवान : भावुक क्षण !

कहीं वो यही तो नहीं
मुख्यमंत्री के एयरपोर्ट से जाते ही राजनीतिक गलियारे में चर्चा होने लगी कि मुख्यमंत्री एनडीए के किस नेता के अपने पाले में आने की बात कर रहे थे. बिना किसी देरी के लोगों ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस का नाम लेना शुरू कर दिया. संभवत: यह सूचना पारस खेमे में भी पहुंची. इसलिए शाम होते होते पारस का प्रेस स्टेटमेंट आ गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) उनके लिए भगवान हैं. आपको याद होगा कि मोदी से पहले पारस ने अपने बड़े भाई रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) को भगवान का दर्जा दिया था. करीबी बताते हैं कि पशुपति कुमार पारस अपने सभी मददगार नेता को भगवान का ही दर्जा देते हैं.


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पहले से हैं करीबी
पशुपति कुमार पारस इन दिनों एनडीए (NDA) के साथ रहने की मजबूरी के कारण नीतीश कुमार की आलोचना करते हैं. मगर, वह शुरू से नीतीश कुमार के हमदर्द रहे हैं. 2020 के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में जब चिराग पासवान ने जदयू (JDU) के खिलाफ अपना उम्मीदवार दिया था, नीतीश कुमार को पराजित करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, पशुपति कुमार पारस ने पार्टी के इस निर्णय का खुला विरोध किया था. इसलिए उनके प्रति नीतीश कुमार के मन में भी पर्याप्त सहानुभूति है. माना जा रहा है कि जिस दिन भाजपा (BJP) हाजीपुर से चिराग पासवान की उम्मीदवारी का समर्थन करेगी, पशुपती कुमार पारस के लिए नीतीश कुमार का दरवाजा खुल जायेगा.

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