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इंजीनियर ही नहीं, डाक्टर भी हैं नीतीश कुमार!

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विशेष प्रतिनिधि
25 नवम्बर 2023

Patna : शिक्षा की बड़ी तरक्की हुई है. आदमी चाहे तो एकसाथ एक से अधिक कोर्स कर सकता है. कर भी रहा है. यह नये दौर की सुविधा है. नीतीश कुमार जिन दिनों पढ़ाई करते थे, यह सुविधा नहीं थी. राजनीति महसूस करती है कि इसके बाद भी उन्होंने एक साथ दो कोर्स की पढ़ाई कर ली थी. इंजीनियरिंग (Engineering) का कोर्स उन्होंने खुल्लमखुल्ला किया. इसके बारे में वह बताते भी हैं. लेकिन, डाक्टरी का कोर्स शायद पर्दे के पीछे किया था. इसलिए डाक्टरी (Doctor) के बारे में नहीं बताते हैं. यह तो वही बता पाता है, जिसका आपरेशन हो जाता है. आपरेशन भी एकदम सफाई से. मरीज और उसके आसपास के लोगों को ही आपरेशन का पता चल पाता है. इसमें भी एक साथ कई लोगों का आपरेशन होता है.

उधर नहीं झांकेंगे
खुले रूप में लोग देखते हैं कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने एक मरीज का आपरेशन किया है. कुछ देर बात पता चलता है कि एक साथ दो-तीन-चार लोगों की नसें कट गयी हैं. यह तो मरीज की छटपटाहट से ही पता चल पाता है. हाल का निर्णय है. राज्य सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय ने एक आदेश जारी किया. उसके मुताबिक मंत्रियों के बाहर वाले सचिव महोदय सरकार के कामकाज की ओर नहीं झांकेंगे. सरकारी काम सरकारी सचिव करेंगे. बाहर वाले सचिव का काम मंत्रीजी का सेवा-सत्कार करना है. मंत्रीजी कहां जायेंगे, किस गाड़ी से जायेंगे, कहां नाश्ता करेंगे, भोजन करेंगे, विश्राम करेंगे…. आदि आदि कार्यों की सेवाओं की जवाबदेही बाहर वाले सचिव (Secretary) की होगी.

असली ऑपरेशन
यह आपरेशन विवादों में घिरते रहने वाले शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर यादव (Chandrashekhar Yadav) के बाहर वाले सचिव के अक्ल को ठिकाने लगाने के लिए किया गया बताया जा रहा है. उधर राजनीति के चतुर सुजान लोग कुछ और कह रहे हैं. उनके मुताबिक यह कि असली आपरेशन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव  के हरियाणा वाले बाहरी आप्त सचिव का हो गया है. तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) को सरकार के कई विभाग मिले हैं. उतने ही सरकारी सचिव भी हैं. लेकिन, बाहरी सचिव का जिम्मा हरियाणा वाले संजय यादव को ही दिया गया है. याद होगा शुरुआत में तेजस्वी प्रसाद यादव के बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने हरियाणा वाले सचिव का पुरजोर विरोध किया था. आरोप लगाया था कि परिवार के सदस्यों के बीच मनमुटाव भी उन्हीं के कारण है.


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बाहरी हैं, बाहर का देखिये…
ऐसा कहा जाता है कि इधर नीतीश कुमार तक भी यह शिकायत पहुंचने लगी थी कि ये बाहरी सचिव उपमुख्यमंत्री के हिस्से वाली सरकार को चला रहा है. यहां तक कि उनके हिस्से का निर्देश भी विभागीय प्रधानों को दे रहे हैं. सरकारी बैठकों में शामिल होते हैं. किस्सा कोताह यह कि उपमुख्यमंत्री की असली भूमिका में यही हैं. अब अगर अकेले इनका आपरेशन होता तो बवाल हो सकता था. सो, एकसाथ सभी बाहरी सचिवों पर नश्तर चला दिया गया. मतलब यह कि कि बाहरी सचिव हैं तो बाहर का काम देखिये. सरकार के भीतर ताकझांक करने की जरूरत नहीं है.

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