रूबिका पहाड़िन : ‘सास’ ने समझ लिया गले की फास!
राजकिशोर सिंह
27 दिसम्बर 2023
Sahibganj : मामले में दर्ज प्राथमिकी में चर्चा है कि मां-बाप के घर से उठा लायी गयी रूबिका पहाड़िन को दिलदार अंसारी ने अपने घर में नहीं रखा. बोरियो बाजार में किराये के मकान में रहने लगा. घटना से लगभग 20 दिन पहले रूबिका पहाड़िन (Rubika Pahadin) के साथ बेलटोला गांव स्थित पैतृक घर गया. हालांकि, जिस मकान में रहता था उसकी मालकिन का कहना है कि परिवार के लोग दोनों को जबरन ले गये. घर में पांव रखते ही झगड़ा शुरू हो गया. पुलिस का मानना है कि रोज-रोज के कलह से मुक्ति के लिए उसकी हत्या की साजिश रची गयी. उसी साजिश (Conspiracy) के तहत दिलदार अंसारी की मां मरियम निशा रूबिका पहाड़िन को अपने भाई मैनुल अंसारी के घर रख आयी. लाश को ठिकाना लगाने के लिए भाई को 20 हजार रुपया भी दे आयी.
शातिराना भूमिका थी ‘सास’ की
मैनुल अंसारी का घर बेलटोला के बगल के गांव फाजिल टोला में है जो थाने से महज 500 मीटर दूर है. रूबिका पहाड़िन को वहां पहुंचा शातिर दिमागी मरियम निशा ने अफवाह फैला दी कि वह (रूबिका पहाड़िन) अचानक गायब हो गयी है.16 दिसम्बर 2022 की शाम में उसकी गुमशुदगी की सूचना (Missing Notice) थाने को दी गयी. रूबिका पहाड़िन के परिवार वालों को भी. अगले दिन 17 दिसम्बर 2022 को बोरियो संथाली गांव के मोमिन टोला में निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्र के पास शव के कुछ टुकड़े दिखायी दिये. पहचान रुबिका पहाड़िन के शरीर के हिस्से के रूप में हुई. उसी मोमिन टोला में मैनुल अंसारी के दोस्त मोइनुद्दीन अंसारी का घर है. उस घर में शरीर के कुछ टुकड़े और रूबिका पहाड़िन के खून से सने कपड़े बरामद हुए. ऐसा कहा गया कि इसी घर में हैवानियत (Savagery) की सीमा लांघी गयी. रूबिका पहाड़िन के बरामद अंग और कपड़े की पहचान उसकी बहन शीला पहाड़िन ने की.
राजनीतिक कर्मकांड
परम्परा के अनुरूप इस अमानवीयता (Inhumanity) पर राजनीतिक कर्मकांड भी हुए. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) का कुछ अटपटा-सा बयान आया- रूबिका पहाड़िन पर क्या बात करें? क्या दिल्ली, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ऐसी घटनाएं नहीं होतीं? आदिवासी समाज (Tribal Society) की महिला के साथ ऐसे अमानुसिक बर्ताव पर मुख्यमंत्री की ऐसी लज्जाजनक टिप्पणी! हेमंत सोरेन का कहना जो रहा हो, भाजपा (BJP) की महिला नेता पूर्व मंत्री लुईस मरांडी ने बहुत गंभीर बात कहीं- संताल परगना में जनजाति लोगों के पहाड़ पर रहने के कारण गरीबी और अशिक्षा है. लेकिन, इस तरह की घटना के पीछे एक बड़ा रैकेट काम करता है. व्यापार के लिए लोग इन इलाकों में पहुंचते हैं और लुभावनी बातों में उन्हें फंसा लेते हैं. लोगों की नजर आमतौर पर उनकी जमीन पर होती है.
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वोट की राजनीति
लोबिन हेम्ब्रम बोरियो से झामुमो (JMM) के विधायक हैं.उनका कहना रहा कि बदमाश लोग जनजातीय समाज की लड़कियों का शोषण करते हैं. समाज को इसे गंभीरता से लेना चाहिये. गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दूबे (Nishikant Dubey) ने मामले को लोकसभा में उठाया. कहा- बंगलादेशी घुसपैठियों ने हमारे इलाके में कब्जा कर लिया है. झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के सहयोग से ऐसा हो रहा है. पहाड़िया जनजाति की एक लड़की से जबरदस्ती शादी कर ली. उसके बाद 50 टुकड़े कर दिये. जो हो आरोप-प्रत्यारोप के बीच रूबिका पहाड़िन के कातिलों को त्वरित सजा दिलाने का मूल सवाल वोट की राजनीति में गौण पड़ गया-सा दिखता है.
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