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भरोसेमंद नहीं रह गये अब अपने गांधीजी!

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विशेष प्रतिनिधि
02 जनवरी 2024

Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर आप राजनीतिक लाभ के लिए हेराफेरी करते रहने का आरोप लगा सकते हैं. उनपर आर्थिक बेईमानी और रिश्तेदारों को नाजायज तरीके से उपकृत-पुरस्कृत करने का आरोप नहीं लगा सकते हैं. लंबे शासन काल में उन पर पूर्ववर्ती कई मुख्यमंत्रियों की तरह रिश्तेदारों को सबके सिर पर बिठाने और कमाने के लिए खुला छोड़ देने का आरोप नहीं लगा. वह हरेक काम के लिए पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं पर ही निर्भर रहे. उन पर भरोसा किया. नयी खबर ये आ रही है कि दल से जुड़ी खुफिया (Intelligence) सूचनाओं के बारे में उन्हें पुराने मुखबिरों पर भरोसा नहीं रह गया है. जदयू (JDU) कार्यालय में इस काम के लिए जिन गांधीजी पर पहले भरोसा किया जाता था, अब गांधीजी पहले की तरह भरोसेमंद नहीं रह गये हैं.


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पहुंच रहीं सटीक सूचनाएं
यह जिम्मेवारी अब जिस व्यक्ति को दी गयी है, वह नीतीश कुमार के करीबी रिश्तेदार हैं. कुछ लोग तो कहते हैं कि नीतीश कुमार और नये खुफिया के बीच मामा-भांजा का रिश्ता है. यह खबर सही इसलिए भी लग रही है, क्योंकि जबसे इनकी जदयू कार्यालय में तैनाती हुई है, नीतीश कुमार के पास सटीक सूचनाएं (Accurate Information) पहुंचने लगी हैं. उन्हीं सूचनाओं पर नीतीश कुमार किसी भी समय कार्यालय में पहुंच जा रहे हैं. मगर नयी व्यवस्था से दूसरा खतरा भी पैदा हो गया है. गणेश परिक्रमा करने वाले लोग नये खुफिया को घेरे रहते हैं. यही हालत कभी गांधीजी की थी. गांधीजी (Gandhiji) को भ्रम हो गया था कि नीतीश कुमार के लिए उनकी सूचना ही अंतिम होती है. लगता है नये वाले भी उसी भ्रम की ओर बढ़ रहे हैं.

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