बोलती बंद कर दी खैरख्वाहों की
विशेष प्रतिनिधि
16 जनवरी 2024
Patna : भाजपा में रह रहे नीतीश कुमार के खैरख्वाहों की खैर नहीं है. अमित शाह ने कसके हड़का दिया है. अमित शाह (Amit Shah) का बिहार दौरा हुआ था. पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए पटना आये थे. मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एकदम से गदगद वाला सीन था. शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर नीतीश कुमार ने अप्रत्यक्ष संदेश (Indirect Message) दिया कि मेरे किसी आचरण को कृपया दिल पर मत लीजिये. साल दो साल में हम राह भटकते रहते हैं. अबकी मिलेंगे तो कभी जुदा नहीं होंगे. अमित शाह ने भी मुस्कुरा कर उनका स्वागत किया. मंच का यह दृश्य भाजपा (BJP) के उन लोगों को गुदगुदा गया जो दिल से चाहते हैं कि एकबार फिर मिलन हो जाये.
सिर्फ दो दर्जन
मंच से उतरे अमित शाह. तय हुआ कि शाम में बिहार के अपने नेताओं से मिलेंगे. मुलाकातियों की लिस्ट बनी. सौ से अधिक नाम थे. लिस्ट उनके पास सहमति के लिए भेजी गयी. अमित शाह की कलम चली. सिर्फ दो दर्जन लोगों के नाम सूची में रह गये. शाम में मुलाकात हुई. पहले अमित शाह का प्रवचन चला – नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निजी हमले नहीं होने चाहिये. ख्याल रखना चाहिये कि उनसे हमारा पुराना रिश्ता है. हम एक दूसरे के कंधे की सवारी करके ही यहां तक पहुंचे हैं. उनके मुख से ऐसे वचन सुनकर नीतीश कुमार के विरोधियों की सांसें अटक गयीं.
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छा गयी चुप्पी
दूसरी तरफ खैरख्वाहों के चेहरे खिल गये. एक खैरख्वाह ने दाढ़ी खुजाते हुए चेहरे पर मुस्कान लाने की कोशिश की. गला साफ करने के इरादे से खांसने का प्रयास किया. फिर बोले-अच्छा रहता कि नीतीश कुमार फिर साथ आ जाते. अमित शाह ने सवाल किया-आपसे बातचीत होती है क्या? उन्होंने आने की इच्छा जाहिर की है क्या? दाढ़ी वाले के चेहरे पर चुप्पी छा गयी. जवाब नहीं दिया. अमित शाह ने विस्तार से बताया-अगर वह पार्टी में अपनी पार्टी का विलय करना चाहते हैं तो दिल्ली भेज दीजिये. अगर सीटों पर समझौता (compromise on seats) करना है तो प्रदेश इकाई इस मामले को देख ले. यह हमारा विषय नहीं है.
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