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गड़बड़झाला : मिट्टी में दबा दिये गये मध्याह्न भोजन योजना के कई क्विंटल चावल !

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कौशल पाठक
31 जनवरी 2024

Bhabua : मध्याह्न भोजन योजना में गड़बड़झाला हैरान करने वाली कोई बात नहीं होती है. यह कहें कि घालमेल इस योजना का एक हिस्सा बन गया है तो वह कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. लेकिन, कैमूर (Kaimur) जिले के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, पियां में जो खेल हुआ है वैसा शायद ही कभी कहीं हुआ होगा. यह विद्यालय दूर दराज में नहीं, भभुआ प्रखंड क्षेत्र में है. भभुआ कैमूर जिले का मुख्यालय है. यह खेल सिर्फ आरोपों में नहीं है, जिला प्रशासन (District Administration) द्वारा करायी गयी प्रारंभिक जांच का निष्कर्ष है. हाल में जिला प्रशासन से वहां के ग्रामीणों ने शिकायत की थी कि मध्याह्न भोजन योजना (Midday Meal Scheme) के 20 क्विंटल से अधिक चावल उत्क्रमित उच्च विद्यालय, पियां के परिसर में ही जेसीबी से गड्ढा खोदकर मिट्टी में दबा दिये गये हैं.

एसडीएम ने जांच की
इस शिकायत पर सदर अनुमंडलाधिकारी विजय कुमार ने स्थल निरीक्षण किया. ग्रामीणों से जानकारी ली. प्रत्यक्षदर्शी छात्रों एवं ग्रामीणों ने अनुमंडलाधिकारी (Sub-divisional officer) के समक्ष अनेक तथ्य रखे. कई गंभीर आरोप भी लगाये. अनुमंडलाधिकारी के मुताबिक विद्यालय प्रबंधन ने भी चावल मिट्टी में दबाने की बात स्वीकार की है. उसका कहना रहा कि पिछले कई वर्षों से मध्याह्न भोजन योजना के चावल बचते आ रहे थे. इस दौरान विद्यालय के दो-तीन प्रधानाध्यापक आये और गये. किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. बचे चावल खराब हो गये थे. वैसे ही खराब चावल मिट्टी में दबा दिये गये.


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बच कैसे गये चावल?
सवाल यहां यह उठ रहा है कि मध्याह्न भोजन योजना के चावल क्यों और किस परिस्थिति में बच रहे थे. इसके दो ही कारण हो सकते हैं. या तो बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया ही नहीं गया या फिर बेचने की मंशा से बचाया गया. नियम कहता है कि पुराने चावल की खपत हो जाने के बाद ही नये आवंटित चावल में हाथ लगाया जाये. विद्यालय प्रबंधन (School Management) ने इस नियम का अनुपालन नहीं किया. इस आलोक में जिला प्रशासन ने शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से पूछा है कि चावल किस परिस्थिति में बचे रह गये कि उसे मिट्टी में दबा दिया गया. अनुमंडलाधिकारी विजय कुमार के मुताबिक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की जांच (Investigation) रिपोर्ट मिलने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.

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