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सन्न रह गये गिरिराज सिंह विरोध में मुट्ठियां लहराते देख…

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विनोद कर्ण
12 मार्च 2024

Begusarai : केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) को अपने ही संसदीय क्षेत्र बेगूसराय में काला झंडा दिखाया गया. नैतिकताविहीन राजनीति के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है. यह सब होते रहता है, कोई ध्यान नहीं देता है. बस खीझ उतर जाता है. इसके अलावा कुछ नहीं होता है. वैसे भी गिरिराज सिंह के सरेराह इस रूप में विरोध (Oppose) का कोई बड़ा मुद्दा नहीं था. कहने के लिए तो बहुत कुछ कहा गया, पर अंदरूनी बातें कुछ और हैं. ‘गिरिराज सिंह वापस जाओ’ का नारा लगाने और काला झंडा दिखाने वाले कुछ नहीं बतायेंगे, स्थानीय लोग बताते हैं. मुद्दा सर्वहित का है, पर उससे कहीं अधिक स्वहित जुड़ा है.

सूर्खियां मिलीं, खूब मिलीं
चूंकि काला झंडा भाजपा के दहाड़ने वाले नेता को दिखाया गया, वह भी भाजपा (BJP) के ही कार्यकर्ताओं द्वारा, सुर्खियां मिलना स्वाभाविक था. सुर्खियां मिलीं, खूब मिलीं. लेकिन, यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह अप्रत्याशित वाकया प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) की बेगूसराय यात्रा के बाद हुआ. ऐसा सबने देखा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में उम्मीदवारी (Candidacy) से वंचित कर दिये जाने की आशंकाओं में घिरे गिरिराज सिंह को काफी महत्व मिल गया. नतीजतन आस लगाये दूसरे नेताओं की आंखों की चमक गायब हो गयी. काला झंडा प्रकरण को उससे भी जोड़ कर देखा जा सकता है.

काले झंडा के साथ भाजपा का झंडा भी
गिरिराज सिंह रविवार को बरौनी डेयरी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद बछवाड़ा जा रहे थे. वहां रेलवे लोहिया मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्हें 14 सड़कों का शिलान्यास एवं उद्घाटन करना था. उसी क्रम में राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 28 पर रानी गांव के समीप भाजपा कार्यकर्ताओं ने वाहन रोक कर उन्हें काला झंडा दिखाया और खिलाफ में नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों के हाथों में काला झंडा के साथ भाजपा का भी झंडा था. सवाल उठना स्वाभाविक है कि गिरिराज सिंह को अपने ही संसदीय क्षेत्र में ऐसा विरोध क्यों झेलना पड़ा?

गिरिराज सिंह के खिलाफ नारेबाजी करते भाजपा कार्यकर्ता.

भ्रष्टाचार बढ़ गया
रानी गांव निवासी भाजपा कार्यकर्ता विनोद राय ने बताया कि गिरिराज सिंह जब से सांसद बने हैं जिले में भ्रष्टाचार बढ़ गया है. उनका आरोप है कि बरौनी के असुरारी में ठंडा पेय पदार्थ की फैक्ट्री लगायी गयी है. उसमें सैकड़ों मजदूर कार्यरत हैं, पर बहाली में स्थानीय बेरोजगारों (Local Unemployed) को अवसर नहीं दिया गया है. फैक्ट्री से नुकसान बरौनी के किसानों को उठाना पड़ रहा है और नौकरी दूसरे जिले के लोगों को मिली है और मिल रही है.

नहीं हुआ विकास का कोई काम
विनोद राय (Vinod Rai) का यह भी कहना है कि पिछले चुनावों में बछवाड़ा प्रखंड क्षेत्र में भाजपा को सबसे अधिक वोट देने वाली गोविंदपुर – तीन पंचायत में विकास का एक भी काम नहीं हुआ है. गिरिराज सिंह ने इसी गांव को ‘सांसद आदर्श ग्राम योजना’ के तहत चयनित कर रखा है. इसके बाद भी यह हाल है. आरएसएस के दूसरे वर्ग प्रशिक्षित व भाजपा कार्यकर्त्ता विनोद राय के मुताबिक संसदीय चुनाव (Parliamentary Elections) का समय आया है तो गिरिराज सिंह वैसी योजनाओं का शिलान्यास कर रहे हैं, जो इनके कार्यकाल से पूर्व की हैं.


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चर्चाएं कुछ और भी
यह रही विनोद राय की बात. लेकिन, चर्चाएं इससे अलग भी कुछ बातों की हो रही हैं, जो पंचायत स्तर की ठेकेदारी में कमीशनखोरी तथा रिश्वत लेने के बाद भी ठंडा पेय पदार्थ फैक्ट्री में बहाली नहीं होने से जुड़ी बतायी जाती है. जहां तक ठेकेदारी की बात है, तो कुछ प्रस्तावित योजनाओं (Proposed Schemes) का कमीशन पहले ले लिया गया, पर स्वीकृति नहीं मिली. कमीशन की राशि भी नहीं लौटायी जा रही है. इसी तरह नौकरी दिलाने के नाम पर चार – पांच लोगों से रकम ले ली गयी. नौकरी नहीं मिली, रकम भी नहीं लौटायी गयी. इस रूप में राशि किसने दी और किसने ली यह समझने की बात है, बताने की नहीं. कहा जो जा रहा हो, काला झंडा से जुड़ी कनफूसकियों की कहानी यही है.

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