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प्रदेश कांग्रेस : अध्यक्षजी बनाएंगे रिकार्ड!

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विशेष प्रतिनिधि
16 मई 2024

Patna : रिकार्ड बनाना अच्छा होता है. शर्त यह है कि रिकार्ड अच्छा हो. रिकार्ड (Record) बुरा भी बनता है. बिहार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डा. अखिलेश प्रसाद सिंह (Dr. Akhilesh Prasad Singh) के नाम से भी रिकार्ड बन सकता है. इस बार लोकसभा (Loksabha) के चुनाव में अगर उनके पुत्र आकाश कुमार सिंह (Akash Kumar Singh) की हार हो जाती है तो उनके नाम से जबरदस्त रिकार्ड बनेगा. वैसे डा. अखिलेश प्रसाद सिंह का अपना रिकार्ड अच्छा है. बिना चुनाव लड़े संसद में दूसरा कार्यकाल चल रहा है. दूसरे कार्यकाल वाले तो और भी सांसद हैं. इनका रिकार्ड इसलिए अच्छा है कि इनकी पार्टी कांग्रेस (Congress) के विधायकों की संख्या कभी इतनी नहीं रही कि अपने दम पर राज्यसभा जा सकें. दूसरे दल की मदद से राज्यसभा में लगातार दो बार जाने वाले ये राज्य (State) के संभवतः पहले सांसद हैं.

तकदीर का साथ नहीं मिला
अब इनका अगला रिकार्ड देखिये. 2009 के लोकसभा चुनाव में हारने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में भी इन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2009 में पूर्वी चंपारण में मात खा गये. 2014 में क्षेत्र बदल लिया. पूर्वी चंपारण से मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) आ गये. दुर्भाग्य ही कहेंगे कि वहां भी उसी गति को प्राप्त हो गये. लोकसभा चुनाव में लगातार दो पराजय के बाद डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने विधानसभा चुनाव में भी भाग्य आजमाया. वहां भी तकदीर का साथ नहीं मिला. तरारी विधानसभा क्षेत्र में भाकपा- माले के सुदामा प्रसाद (Sudama Prasad) ने इनके मंसूबे को धो दिया.

त्याग दिया चुनाव का मोह
हार के सिलसिला से त्रस्त होकर डा. अखिलेश प्रसाद सिंह ने प्रत्यक्ष चुनाव (Election) लड़ने का मोह त्याग दिया. 2018 में राज्यसभा में चले गये. इससे पहले 2005 के फरवरी वाले चुनाव में उनकी पत्नी राजद (RJD) से चुनाव लड़ी थीं, हार गईं. उस साल अक्तूबर में भी विधानसभा का चुनाव हुआ. मैडम नहीं लड़ीं. उसके अगले विधानसभा चुनाव में भतीजा कांग्रेस उम्मीदवार के नाते चुनाव हार गया. बात यहीं तक नहीं टिकी. 2019 के लोकसभा चुनाव में पुत्र आकाश कुमार सिंह को लोकसभा की उम्मीदवारी मिल गयी. उसी पूर्वी चंपारण क्षेत्र से जहां 2004 में डा. अखिलेश प्रसाद सिंह की जीत हुई थी. पुत्र को जिस राष्ट्रीय लोक समता पार्टी से उम्मीदवारी मिली थी, वह पार्टी भी अब नहीं रही.


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दिलवा दी उम्मीदवारी
2024 में पुत्र आकाश कुमार सिंह को फिर उम्मीदवारी मिली है. कहते हैं कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद (Lalu Prasad) ने सजायाफ्ता पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) के पूर्व विधायक पुत्र रणधीर सिंह (Randhir Singh) को हाशिये पर धकेल आकाश कुमार सिंह की महाराजगंज (Maharajganj) के लिए कांग्रेस की उम्मीदवारी सुनिश्चित करा दी. महाराजगंज में आकाश कुमार सिंह की जीत होती है तो दिवंगत रामविलास पासवान (Rambilash Paswan) की तरह एक और रिकार्ड बनेगा. याद होगा कि 2019 से मृत्यु तक रामविलास पासवान राज्यसभा सदस्य थे. उसी अवधि में उनके पुत्र चिराग पासवान (Chirag Paswan) लोकसभा के सदस्य थे.

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