आरसीपी के कार्यक्रम से सवर्णों ने किया किनारा
राजेश कुमार
19 अगस्त 2021
बाढ़. केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह का बुधवार को बेलछी में भव्य स्वागत हुआ. जद(यू) नेता मनोज कुमार के नेतृत्व में हुए स्वागत समारोह में जुटी भीड़ भले ही सुकूनदायक रही, लेकिन जद(यू) के लिए इसे इस रूप में अशुभ कहा जायेगा कि इसमें सवर्णों की उपस्थिति नगण्य रही. एक तरह से कहा जाये तो इस वर्ग के लोगों ने आरसीपी सिंह को महत्व नहीं दिया. जद(यू) नेता राणा सिंह चैहान, शंभु नारायण सिंह जैसे कई लोग शामिल नहीं हुए. इतना ही नहीं, पार्टी के कई प्रकोष्ठों के बाढ़ संगठन जिला अध्यक्षों ने भी खुद को किनारे रखा. इस कार्यक्रम में जिला अध्यक्ष परशुराम पारस ने शिरकत जरूर की, पर, रुचि नाममात्र ही दिखायी. एकाध वैसे पिछलग्गुओं को लेकर कार्यक्रम में शरीक हुए जो स्वार्थवश जद(यू) से जुड़े हुए हैं. इस क्रम में एक बात यह सामने आयी कि स्थानीय स्तर पर भी संगठन दो-फाड़ हो गया है. पिछड़ा-अतिपिछड़ा का धड़ा आरसीपी सिंह के लिए खड़ा है, वहीं सवर्णों का लगभग संपूर्ण समर्पण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के प्रति दिख रहा है. संभावना जतायी जा रही है कि बहुत जल्द इस क्षेत्र में ललन सिंह का स्वागत समारोह भी आयोजित हो सकता है. हालांकि, फिलहाल वैसी कोई सुगबुगाहट नहीं दिख रही है.
ललन सिंह का स्वागत समारोह यदि हुआ तो आयोजन स्थल बेलछी को बनाया जा सकता है. वैसा उनके प्रति मनोज कुमार के मन-मिजाज को भांपने के लिए किया जा सकता है. वैसे, सवर्ण समाज के राणा सिंह चैहान की बढ़ती सक्रियता से मुरझाये क्षत्रिय समाज के एकाध लोग ललन सिंह का कार्यक्रम बाढ़ में करवाने का जुगाड़ बैठा रहे हैं. जुगाड़ बैठ पाता है या नहीं यह देखना दिलचस्प होगा. ताजा सूरत-ए-हाल है कि आरसीपी सिंह के कार्यक्रम में कथित रूप से सवर्णों को नजरंदाज करने से क्षत्रिय समाज को झटका लगा है. बाढ़ में बहुलता के हिसाब से क्षत्रिय खुद को अव्वल मानते हैं और उस अनुरूप अहमियत की अपेक्षा रखते हैं. एसे में किनारा किया जाना उन्हें हजम नहीं होता. हालांकि, ब्रह्मर्षि समाज भी मायूस है, पर क्षत्रिय समाज की तरह आक्रामक नहीं है. खामोश रह ललन सिंह प्रेम में मस्त है. विश्लेषकों की समझ है कि आरसीपी सिंह और ललन सिंह को लेकर चल रहा यह कशमकश बड़ा आकार ले लिया तो पार्टी को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.