खूब खेल हुआ प्रधानाध्यापकों के स्थानांतरण के नाम पर
मदनमोहन ठाकुर
19 अगस्त 2021
सीतामढ़ी. सीतामढ़ी जिले में प्रारंभिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के स्वैच्छिक स्थानांतरण को लेकर जो खेल हुआ उसकी चैक-चैराहों पर खुली चर्चा हो रही है. चर्चाओं में कहा जा रहा है कि इस संदर्भ में शिक्षा विभाग की नियमावली की ‘चढ़ावे’ के लिए धज्जियां उड़ा दी गयी हैं. हालांकि, इसका किसी के पास कोई प्रमाण नहीं है, तब भी लोग एक-दूसरे के कान में डाल रहे हैं कि यह पूरा खेल 50 लाख से ऊपर का है. रकम किसकी जेब में गयी लोग इसकी भी चर्चा करते हैं. साथ में अंतिम समय में स्थानांतरण सूची को लंबित करने के कारणों की भी. गौर करने वाली बात है कि इस जिले में प्रारंभिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के स्वैच्छिक स्थानांतरण का मामला तकरीबन सात वर्षों से लंबित है. 26 जून 2021 को जिला शिक्षा पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई स्थापना समिति की बैठक में इस जड़ता को तोड़ने की पहल हुई. बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (योजना एवं लेखा) तथा जिला भू-अर्जन पदाधिकारी शामिल हुए. उसमें 88 प्रधानाध्यापकों के स्थानांतरण के लिए औपबंधिक सूची प्रकाशित की गयी. स्थापना शाखा के लिपिक अनिल झा को औपबंधिक सूची को कार्यरूप देने की जिम्मेवारी मिली. इस बीच 30 जून 2021 की बैठक में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) अमरेन्द्र कुमार गोंड का तबादला हो जाने के कारण कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. मामला जिला शिक्षा पदाधिकारी सचिन्द्र कुमार के यहां अटक गया. इस कारण कि उन्होंने संबंधित संचिका पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक से मार्गदर्शन की मांग कर दी. उनका मार्गदर्शन आयेगा तभी औपबंधिक सूची पर अंतिम निर्णय होगा. मार्गदर्शन मांगने के वक्त रंजीत कुमार सिन्हा प्राथमिक शिक्षा निदेशक थे. कुछ समय बाद उनका भी तबादला हो गया. उस पद पर अभी अमरेन्द्र प्रताप सिंह हैं. स्थानांतरण की औपबंधिक सूची को लेकर पैदा हुई ऊहापोह की स्थिति से संबद्ध प्रधानाध्यापकों में बेचैनी समायी हुई है जिन्होंने कथित रूप से ‘चढ़ावा’ दिया था. उनकी इस व्यथा को दृष्टिगत रख अराजपत्रित प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला सचिव दिलीप शाही, प्रमंडलीय सचिव ज्ञानप्रकाश ज्ञानू, एस नारायण राय एवं अन्य ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन दिया. कुछ शिक्षकों ने विधान पार्षद देवेश चन्द्र ठाकुर से भी गुहार लगायी. अपने स्तर से मामले को सलटाने की कोशिश उन्होंने भी की. लेकिन, अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. बहरहाल, जिला शिक्षा पदाधिकारी सचिन्द्र कुमार ने ‘चढ़ावे-उढ़ावे’ की बात को बकवास बताते हुए दो-तीन दिनों के अंदर स्थानांतरण की औपबंधिक सूची पर निर्णय हो जाने की बात कही है.