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नीतीश कुमार ने बता दी आरसीपी सिंह की असलियत

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राजनीतिक विश्लेषक
30 अगस्त 2021

पटना. जद(यू) और दूसरे दलों की चिर प्रतीक्षित जिज्ञासा समाप्त हुई कि रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह किसकी सहमति से नरेन्द्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल हुए. बीते 16 अगस्त को आरसीपी सिंह का जद(यू) कार्यालय में स्वागत किया गया.

उन्होंने गरज कर कहा-आज तक मैंने बिना नीतीश कुमार के आदेश के कोई काम नहीं किया. कुछ लोग कहते हैं कि मैं अपने मन से शामिल हो गया. बारात गया था और दुल्हा बन गया. उन्होंने देर तक सफाई दी. अंत में कहा कि कोई आदमी अपने मर्जी से मंत्री नहीं बन सकता है. ऐसा होने लगे तो कोई एमपी प्रधानमंत्री से मिल कर कह देगा कि हमको मंत्री बना दीजिए.

आरसीपी सिंह के यह सब कहने के चलते लोग इंतजार कर रहे थे कि 29 अगस्त को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री इस प्रकरण पर क्या बोलते हैं.

क्या कहा मुख्यमंत्री ने
आरसीपी सिंह की तरह नीतीश कुमार इस मुद्दा पर अधिक नहीं बोले. उन्होंने बड़ी होशियारी से आरसीपी सिंह को लालची साबित कर दिया. उन्होंने कहा कि वह जब जद(यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, फैसला हुआ था कि जद(यू) केंद्रीय कैबिनेट में शामिल नहीं होगा. आरसीपी सिंह की मंत्री बनने की इच्छा थी. मंत्री बन गए.

मुख्यमंत्री ने अधिक व्याख्या नहीं की. हॉल में बैठे पार्टी पदाधिकारी पूरा माजरा समझ गए. इसके साथ ही कार्यकर्ताओं के बीच यह संदेश चला गया कि आरसीपी सिंह भाजपा के हाथों खेल रहे हैं.

आरसीपी ने दिखाई हैसियत
लगता है कि आरसीपी सिंह भी फ़रियाने के मूड में ही बैठक में आये थे. उन्होंने जातीय जनगणना का विरोध कर बता दिया कि अब वह नीतीश कुमार के बदले भाजपा के एजेंडा पर चल रहे हैं.

उन्होंने उस प्रस्ताव के प्रति भी अनिच्छा जतायी, जिसमें उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात है.

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