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लेमुआबाद में धीमी-धीमी ही सही, चल रही बदलाव की बयार

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राजेश कुमार
02 सितम्बर, 2021

BARH : पंडारक (PANDARAK) प्रखंड की लेमुआबाद पंचायत में धीमी-धीमी ही सही, बदलाव की बयार चल रही है. पहले यह पंचायत अपराध की सत्ता के लिए खूनी जंग के अंतहीन सिलसिला को लेकर चर्चा में रहती थी. खासकर दियारा (DIYARA) क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर.

सरगनाओं में हुई भिड़ंत
2016 में पंचायत की सत्ता पर काबिज होने के लिए सरगनाओं में भिड़ंत हुई. मुखिया (MUKHIYA) पद के चुनाव में इलाके के आतंक रामजनम यादव और उसके खूंख्वार प्रतिद्वंद्वी उदय यादव आमने-सामने हो गये.

चूंकि मुखिया का पद महिला (सामान्य) के लिए सुरक्षित है इसलिए वे खुद नहीं, उनकी पत्नियां चुनावी अखाड़े में उतरीं. कांटे के मुकाबले में रामजनम यादव की पत्नी निक्की देवी विजयी रहीं. दुर्भाग्यवश चुनाव के कुछ ही दिनों बाद रामजनम यादव (RAMJANAM YADAV) की अथमलगोला स्टेशन पर चलती ट्रेन में हत्या कर दी गयी.

तेजस्वी पहुंचे थे शोक जताने
उस समय राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव (TEJASWI PRASAD YADAV) न्याय यात्रा के दौरान शोक व्यक्त करने रामजनम यादव के घर लेमुआबाद के सोनू टोला पहुंचे थे. मुखिया निक्की देवी से मिलकर सहानुभूति जतायी थी. रामजनम यादव की हत्या के बाद पंचायत का विकास कार्य ठप सा पड़ गया था.

धीरे-धीरे हालात में बदलाव आया और निक्की देवी भी विकास के कार्यों को रफ्तार देने लग गयीं. उनके मुताबिक 17 वार्डों में मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना और नली-गली योजना का काम हुआ है. चिंतामनचक गांव में उस दुर्गम गली का जीर्णोद्धार हुआ है जिसके लिए लोग वर्षों से लालायित थे.

लालो यादव के हाथ में है कमान
रामजनम यादव की ताकत अब उसके भाई लालो यादव (LALO YADAV) एवं मंझला विगहा निवासी बीरू यादव के हाथ में है. वह ताकत तो अपनी जगह है ही, निक्की देवी को अपने कार्यकाल में हुए विकास के कार्यों पर भी पूरा भरोसा है. उदय यादव फिलहाल जेल में है.

मुखिया पद का चुनाव लड़ने वाली उसकी पत्नी स्वर्ग सिधार गयी है. चर्चा है कि उसने दूसरी शादी कर ली है. इस बार चुनाव मैदान में उसे ही उतारने की तैयारी है. लेकिन, उसकी ओर से ऐसा कोई संकेत अभी तक नहीं मिला है.

कोई किसी से कम नहीं
2016 से पहले पंचायत चुनाव की राजनीति में आमतौर पर सरगनाओं का कोई हस्तक्षेप नहीं होता था. 2011 में अजय राय मुखिया निर्वाचित हुए थे. इस बार भी वह मैदान में उतरेंगे. पूर्व जिला पार्षद बिजेन्द्र यादव उर्फ वृजे भी पंचायत की सत्ता का सुख भोगने का जुगाड़ बैठा रहे हैं. दोनों खुद तो नहीं लड़ पायेंगे, मोर्चे पर उनकी पत्नियां रहेंगी. समाज में दोनों का प्रभाव है. ऐसा कि कोई आंख नहीं दिखा सके.

इस दृष्टि से यह कहा जा सकता है कि लेमुआबाद पंचायत के मुखिया पद के लिए जो चेहरे दिख रहे हैं वे खुद को बाजुओं की ताकत में एक-दूसरे से कम नहीं आंकते हैं. अंजाम चाहे जो भी हो उसकी परवाह नहीं करते हैं.

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