राइस मिलें भी हैं धान के गोरखधंधों में शामिल
महर्षि अनिल शास्त्री
25 सितम्बर 2021
GOPALGANJ. जिले के कतिपय व्यापार मंडलों और पैक्सों ने कथित रूप से धान की खरीद में जो घपलेबाजी की है उसमें राइस मिलों की भी संलिप्तता के आरोप हैं. प्रावधान यह है कि व्यापार मंडलों (Vyapar Mandal) और पैक्सों (Pacs) के क्रय केन्द्रों में धान की जो खरीद होगी उसे चावल में परिवर्तित कर बिहार राज्य खाद्य निगम (Bihar Rajya Khadya Nigam) के गोदामों में पहुंचायी जायेगी.
सब कुछ सुनियोजित
कतिपय क्रय केन्द्रों पर धान की कागजी खरीद हुई, फर्जीवाड़ा कर संबंधित राइस मिलों में चावल तैयार कराये गये और गोदामों में उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) से निम्न स्तरीय चावल लाकर ठेल दिये गये. सबकुछ बिल्कुल सुनियोजित ढंग से हुआ. इस जिले में क्रय केन्द्रों पर संग्रहित धान से चावल तैयार करने के लिए 30 राइस मिल (Rice Mill) अधिकृत हैं.
जिला प्रशासन ने एक टास्क फोर्स बना रखा है जो राइस मिलों के भौतिक सत्यापन के बाद इसकी स्वीकृति देता है. आरोपों के मुताबिक इस टास्क फोर्स ने कई ऐसी राइस मिलों को स्वीकृति दे रखी है जो वर्षों से बंद पड़ी हैं.
गड़बड़ी क्षमता निर्धारण में भी
गड़बड़ी क्षमता निर्धारण में भी हुई है. विजयीपुर प्रखंड में कई ऐसी राइस मिलें हैं जिनकी क्षमता आधा या एक के वी की है. लेकिन, कागज पर तीन के वी क्षमता दिखाकर चावल तैयार कर रहे हैं. टास्क फोर्स की भौतिक सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर बिहार राज्य खाद्य निगम ऐसी राइस मिलों से अनुबंध करता है.
यहां गौर करने वाली बात है कि बिहार राज्य खाद्य निगम को चावल उपलब्ध नहीं कराने के मामले में सात राइस मिलों के खिलाफ मामला चल रहा है.
कई करोड़ का घोटाला
थावे (Thave) थाना क्षेत्र के पिठौरी स्थित स्वाति राइस मिल ने 01करोड़ 07 हजार का चावल घोटाला किया तो विजयीपुर के छितौना में संचालित बाबा राइस मिल ने 02 करोड़ 03 हजार का.
फुलवरिया (Fulwaria) के कोयलादेवा में संकट मोचन राइस मिल ने कुल 63 लाख 94 हजार, थावे के फुल्गनी में काली मॉडर्न राइस मिल ने कुल 95 लाख 51 हजार, विजयीपुर के अमवा दूबे में नवदुर्गा राइस मिल ने 02 करोड़ 39 लाख का घोटाला किया था. इन सबके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज है, जांच चल रही है.