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मोतिहारी : शहर के सौन्दर्यीकरण का बीड़ा उठाया बुद्धिजीवियों ने

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कफील एकबाल
22 फरवरी 2022

MOTIHARI : एनजीओ बनाकर सरकारी फंड की बंदरबांट अब किसी से छुपी हुई नहीं है. भले ही ऐसे लोग जनकल्याण, महिला कल्याण जैसे कई लुभावनी बातें करते हैं. बड़े अपराधी, तस्कर, भू-माफिया, शराब माफिया, बालू माफिया, कोयला माफिया तथा कई माध्यमों से आम जन का खून चूसकर करोड़ों कमा रहे लोग भी किसी राजनीतिक दल से जुड़कर या कोई संगठन बना कर या व्यक्तिगत रूप से गरीबों या स्वजातीयों के बीच साड़ी, धोती, कंबल, छठ के सामान आदि बांट कर एवं अन्य कार्यों से समाज सेवा करते हैं, मकसद सस्ती लोकप्रियता और वोट हासिल कर विधायक-सांसद-मंत्री बनना होता है. लेकिन, मोतिहारी के कुछ बुद्धिजीवियों ने सरकारी फंड के बिना शहर के सौन्दर्यीकरण, विकास, जनजागृति तथा अन्य सामाजिक कार्यों को संपादित करने के लिए एक संगठन बनाया है जिसका नाम ‘सीटीजन फोरम ऑफ मोतिहारी’ है.

कई क्षेत्रों में हो रहा काम
संगठन द्वारा जनजागृति सौन्दर्यीकरण एवं विकाय कार्यों में योगदान देने के लिए कई काम किये जा रहे हैं. सेन्ट्रल पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड (Central Pollution Control Board) की 135 शहरों की जांच रिपोर्ट में मोतिहारी को सबसे प्रदूषित शहर बताया गया. एयर क्वालिटी इंडेक्स (एम्यूआई) 398 पाया गया है, जबकि दिल्ली (Delhi) 389 और मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) का 346 रहा. शहर को जहरीली हो रही हवा से यथासंभव बचाने एवं लोगों को इसके खतरों से आगाह करते हुए बचाव की कोशिश से संबंधित उपाय बताने-सुझाने के लिए शहर में बड़े-बड़े होर्डिंग, बैनर, बोर्ड, पोस्टर आदि लगाये गये हैं. स्लोगन है ‘वायु प्रदूषण, अब करे पुकार! जागो हे! मोतिहारी के लाल!’ स्कूली छात्र-छात्राओं में अच्छे संस्कार विकसित कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करा उन्हें अच्छा और जिम्मेदार नागरिक बनाने का प्रयास करने के लिए अलग-अलग टीम बनाकर छात्र- छात्राओं, अभिभावकों से सम्पर्क साधा जा रहा है.

उद्धार मोतीझील का
शहर के बीचोबीच स्थित मोतीझील (MotiJheel), जिसकी तुलना कश्मीर (Kasmir) के डल-झील (Dal Jheel) से की जाती रही है, उसकी सफाई-सौन्दर्यीकरण, बोटिंग की व्यवस्था से इसे पर्यटन के नक्शे पर लाकर विकसित करने के प्रयास किये जा रहे हैं. जनसरोकार के विषयों पर कई सेमिनार (Seminar) का आयोजन किया जाता रहा है. 1955 में स्थापित रविन्द्रनाथ मुखर्जी आयुर्वेद कॉलेज (Ravindranath Mukharjee Ayurved College), जिसमें पढ़ाई करके कई लोग चिकित्सक (Doctor) बने ऐसे ही तकरीबन आठ लोग देश के विभिन्न आयुर्वेद कॉलेजों में प्राचार्य (Principal) हैं. कई लोग सफल चिकित्सक के साथ-साथ राजनेता भी हैं, जैसे नरकटिया (Narkatiya) से राजद विधायक डा. शमीम अहमद (Dr. Shamim Ahmad), केसरिया के पूर्व विधायक डा. राजेश कुमार कुशवाहा (Dr. Rajesh Kumar Kushwaha) आदि. डा. अकील अहमद (Dr. Akil Ahmad) इसी कॉलेज से पढ़कर दिल्ली (Delhi) में चिकित्सा के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं. हजारों चिकित्सक इस कॉलेज ने दिये हैं. इसे फिर से खोलने एवं इसके जीर्णोद्धार के लिए संगठन प्रयासरत है.


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जुड़ी हैं नामचीन हस्तियां
सिटीजन फोरम ऑफ मोतिहारी (Citizen Forum of Motihari) से शहर की कई नामचीन हस्तियां जुड़ी हैं. इससे उम्मीद की जा सकती है कि यह सफल होगा. संगठन में मुख्य भूमिका प्रतिष्ठित समाजसेवी वीरेन्द्र जालान (Birendra Jalan) निभा रहे हैं जो इसके अध्यक्ष हैं. वीरेन्द्र जालान पहले से ही सरल एवं मिलनसार स्वभाव के कारण सभी तबके के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं. बिना किसी भेदभाव के गरीबों, लाचार एवं पीड़ितों की मदद आगे बढ़कर करते रहे हैं. संगठन के संस्थापक-संरक्षक हैं – प्रो. नसीम अहमद, प्रकाश चौधरी, अधिवक्ता-समाजसेवी ममता रानी वर्मा, शशिकला देवी एवं प्रेस छायाकार इम्तेयाज अहमद. उपाध्यक्ष – डा. आशुतोष शरण, महासचिव-प्रशांत जायसवाल, -सह-सचिव-रामभजन, कोषाध्यक्ष – अंकुर कुमार, कार्यकारिणी के सदस्य – डा. राजेश श्रीवास्तव, प्रभाकर जायसवाल, राजकुमारी गुप्ता, मुन्ना कुमार, अभय अनन्त, एवलिन प्रकाश, बिन्टी शर्मा आदि हैं.

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