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उजियारपुर : रह जायेगी फिर भुकभुका के?

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प्रवीण कुमार सिन्हा
13 मई 2024

Samastipur : सरसरी तौर पर देखें तो उजियारपुर‌ संसदीय क्षेत्र में यादव, मुस्लिम, कुशवाहा और मल्लाह मतों की‌ जो संयुक्त संख्या है उसको देखते हुए महागठबंधन (Mahagathbandhan) में मुस्कान खिलती नजर आयेगी. मुस्कान खिल भी सकती है. बशर्ते कि सोमवार को मतदान में यादव, कुशवाहा और मल्लाह मतों में विभाजन न हुआ हो. एनडीए (NDA) की तरफ मुड़ें, तो भाजपा (BJP) प्रत्याशी नित्यानंद राय (Nityanand Ray) को सवर्ण मतदाताओं का मुकम्मल साथ मिलता दिखा. पर, उनमें 2019 जैसा उत्साह नजर नहीं आया. मल्लाहों के‌ एक तबके को छोड़ अत्यंत पिछड़ा वर्ग के बहुसंख्य मतदाता नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) से प्रभावित दिखे. वैश्य मतों के रूख में कोई बदलाव नहीं आया. अधिसंख्य मत भाजपा की ओर मुखातिब दिखे.

पिछड़ा वर्ग की‌ बड़ी आबादी
अनुमान के अनुरूप दलितों में पासवान बिरादरी का समर्थन नित्यानंद राय को मिलता दिखा. रविदास समाज के मत बंट गये. मुसहर और ततमा समाज के मतों में झुकाव भाजपा की तरफ ज्यादा दिखा. चर्चा अब विभिन्न जातियो के मतों की. इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है. जाति की राजनीति (Politics) में रुचि रखने वालों ने जो अनुमानित आंकड़ा संग्रहित कर रखा है उसके मुताबिक उजियारपुर (Ujiyarpur) संसदीय क्षेत्र में सबसे बड़ी आबादी पिछड़ा वर्ग की है. संख्या 04 लाख 82 हजार 586 है. इनमें 02 लाख 29 हजार 220 यादव मत हैं. कुशवाहा मतों की संख्या 01 लाख 74 हजार 028 और कुर्मी मतों की संख्या 49 हजार 328 रहने की बात कही जाती है. पिछड़ा वर्ग की अन्य जातियों की मत संख्या 30 हजार 010 है.

अत्यंत पिछड़ा वर्ग
अत्यंत पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या 03 लाख 60 हजार 473 है. इस वर्ग में सबसे अधिक 78 हजार 648 मत ‌सहनी समाज के हैं. धानुक समाज के मतों की संख्या 58 हजार 297 बतायी जाती है. अन्य अत्यंत पिछड़ी जातियों के 02 लाख 23 हजार 528 मतदाता हैं. इनमें तेली-बनिया के 33 हजार 460 मत भी शामिल हैं. महत्वपूर्ण बात यह है कि अत्यंत पिछड़ा वर्ग की तुलना में दलित वर्ग के मतदाताओं (Voters) की संख्या कुछ अधिक है. इस वर्ग के 03 लाख 92 हजार 726 मतों में सर्वाधिक 01 लाख 56 हजार मत पासवान बिरादरी के हैं. रविदास समाज के 99 हजार 694 मत हैं. इन दोनों के अलावा 01 लाख 36 हजार 942 मत अन्य दलितों के हैं. उनमें मुसहर और ततमा समाज के मतों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक हैं.


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देखना दिलचस्प होगा
मुस्लिम मतों की संख्या 01 लाख 59 हजार 712 है. 03 लाख 29 हजार 253 मत सवर्ण समाज के हैं. सबसे अधिक 92 हजार 446 मत भूमिहार बिरादरी के हैं. ब्राह्मणों के 90 हजार 550, राजपूतों के 83 हजार 822 और कायस्थों के 28 हजार 458 मत हैं. 33 हजार 977 मत सवर्ण समाज की अन्य जातियों के हैं. यह ध्यान में रखने की बात है कि ये आंकड़े आधिकारिक नहीं, अनुमानित हैं. 2019 में भी जातियों के मतों का आंकड़ा ऐसा ही कुछ था. इसी पर आधारित परिणाम था. इस बार क्या होता है, देखना दिलचस्प होगा.

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