वीडियो का प्रसारण दिखा और राजी हो गये!
विशेष प्रतिनिधि
25 दिसम्बर 2023
Patna : नीतीश कुमार खुद को महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) का अनुयायी बताते हैं. गांधी ने अपने जीवन में जो कुछ कहा, जिसे वह कर नहीं सके, नीतीश कुमार उसे पूरा करने में लगे हुए हैं. जैसे कि शराबबंदी. बापू ने कहा था कि अगर एक दिन के लिए मैं तानाशाह बन जाऊं तो पूरे देश में शराबबंदी लागू करा दूंगा. बापू न तानाशाह बने, न देश में शराबबंदी लागू हुई. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने देश में तो नहीं, अपने राज्य में इसे लागू करा दिया. यह अलग विषय है कि शराबबंदी (Liquor ban) लागू करने के सवाल पर उन्हें भी बहुतेरे लोगों ने तानाशाह (Dictator) घोषित कर दिया है. इधर के दिनों में उनके आसपास के लोगों ने नोट किया कि नीतीश कुमार विदेशियों से बहुत डरते हैं. महात्मा गांधी विदेशियों से नहीं डरते थे. वह लड़ लेते थे. नीतीश कुमार ठीक उसके उलट हैं.
पसर गयी थी गर्माहट
आसपास के लोगों को यह ज्ञान कैसे मिला, इसका बैकग्राउंड समझिये. हाल-फिलहाल उनके जनसंख्या नियंत्रण (Population Control) संबंधी ज्ञान को लेकर काफी गर्मी पैदा हो गयी थी. विपक्ष के लोग खुल कर तो पक्ष के लोग दबी जुबान से उनकी निन्दा करने लगे थे. विपक्ष माफी मांगने के लिए दबाव बनाने लगा था. ऐसे में रणनीति बनी कि समझा-बुझा कर नीतीश कुमार को माफी मांगने के लिए राजी किया जाये. भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Service) के एक अवकाश प्राप्त अधिकारी, दो सेवारत अधिकारी और एक भारतीय वन सेवा के अधिकारी ने बातचीत कर तय किया कि नीतीश कुमार को समझाया जाये. सुबह-सुबह समझाने का प्लान बना.
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मुंह देखने लगे एक दूसरे का
अवकाश प्राप्त अधिकारी उनके मुंहलगे हो गये हैं, उन्होंने कहा कि आपने जो कहा, उसकी बड़ी आलोचना हो रही है. अवकाश प्राप्त अधिकारी आगे कुछ कहते, नीतीश कुमार ने सवाल ठोक दिया- क्या कह दिया था? सभी स्वघोषित शिक्षक एक दूसरे का मुंह देखने लगे. दूसरे अधिकारी ने बताया कि जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जो ज्ञान दे रहे थे, उससे हंगामा मच गया है. नीतीश कुमार को याद आया. लेकिन, वह यह मानने को राजी नहीं हो रहे थे कि उनके कथन में कोई गलत बात थी. सो, उन्होंने उस अधिकारी से ही पूछ दिया कि वह कैसे जनसंख्या नियंत्रण करते थे. कैसे उनके संतानों की संख्या सिर्फ दो रह गयी.
फिर सहमत हो गये
सवाल सुनकर अधिकारी का मुंह खुला का खुला रह गया. तीसरे अधिकारी को न जाने क्या सूझा, उन्होंने मोबाइल पर एक वीडियो का प्रसारण शुरू कर दिया. बताया कि देश की बात छोड़िये. आपकी विदेशों में भी आलोचना हो रही है. इतना सुनना था कि नीतीश कुमार माफी मांगने के लिए राजी हो गये. फिर तो अंदर-बाहर हर जगह अपने कथन के लिए माफी मांग ली. इधर, एक कार्यक्रम में उद्घोषिका (Announcer) का ‘शरीर- स्पर्श’ कर ‘अभिनंदन’ करने को लेकर भी नीतीश कुमार की मंशा को सवालों में घेरा जा रहा है. गनीमत रही कि उद्घोषिका ने उनके ‘शरीर-स्पर्श’ में अभिभावकत्व (Parenthood) का भाव बता मामले को तूल पकड़ने से रोक दिया.
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