तापमान लाइव

ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल

वैशाली जिला जदयू : स्वीकार्य नहीं उपेन्द्र कुशवाहा!

शेयर करें:

अरविन्द कुमार झा
01 अक्तूबर, 2021

PATNA. पातेपुर क्षेत्र के रहने वाले सुभाष चन्द्र सिंह (Subhash Chandra Singh) वैशाली जिला JDU के अध्यक्ष हैं. कुर्मी बिरादरी से आते हैं. उमेश कुशवाहा (Umesh Kushwaha) की तरह आरसीपी सिंह के प्रति ‘समर्पित व निष्ठवान’ हैं. इसी समर्पण के आधार पर उन्होंने 2020 के चुनाव में वैशाली विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवारी की उम्मीद बांध ली थी जो पूरी नहीं हो पायी.

JDU की उम्मीदवारी RJD नेता पूर्व मंत्री वृष्णि पटेल (Brishni Patel) के भतीजा सिद्धार्थ पटेल उर्फ चुन्नू को मिल गयी. उस दिन आरसीपी सिंह (RCP Singh) की ‘आभार यात्रा’ (Abhar Yatra) की कमान सुभाष चन्द्र सिंह ने ही संभाल रखी थी. यह यात्रा कितनी और किस रूप में सफल रही, यह विवेचना का एक अलग विषय है.

उपेक्षा हुई उपेन्द्र कुशवाहा की
30 अगस्त 2021 की इस यात्रा के पांच दिनों बाद ही उपेन्द्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की ‘बिहार यात्रा’ हुई. वैशाली (Vaishali) जिला JDU को विधिवत जानकारी अवश्य रही होगी, लेकिन उसके पदधारियों का हाव-भाव अनभिज्ञ जैसा दिखा. हो सकता है ‘आभार यात्रा’ में आकंठ सहभागिता के चलते उपेन्द्र कुशवाहा की 04 सितम्बर 2021 की ‘बिहार यात्रा’ का उन्हें भान नहीं रहा हो या फिर सुविचारित रणनीति के तहत उनकी उपेक्षा की गयी हो.


वैशाली जिला JDU पर जो लोग अभी काबिज हैं उसमें अधिसंख्य को वर्तमान रूप में उपेन्द्र कुशवाहा स्वीकार्य नहीं है. इसको इस रूप में कुछ अधिक सहजता से समझा जा सकता है कि वैशाली जिला JDU के बैनरों, पोस्टरों और होर्डिंगों में उपेन्द्र कुशवाहा शायद ही कभी नजर आते हैं.


स्थानीय मीडिया को उस यात्रा की आधिकारिक जानकारी वैशाली जिला JDU के पूर्व अध्यक्ष नागेश्वर राय (Nageshwar Ray) के माध्यम से मिली. हालांकि, ‘बिहार यात्रा’ (Bihar Yatra) से दो दिन पूर्व 02 सितम्बर से उमेश कुशवाहा के समर्थक भी हिलते-डुलते दिखे. पर, कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी औपचारिकताओं में लिपटी रही.

डॉ. आसमा परवीन भी थीं मंच पर
आरसीपी सिंह की वैशाली जिले में दो सभाएं हुईं. एक देसरी के समीप अन्हराबर चौक के समीप और दूसरी महुआ में. अन्हराबर चौक के आसपास ही उमेश कुशवाहा का पैतृक गांव कजरी खुर्द है. आरसीपी सिंह को देखने-सुनने के लिए अन्य जगहों की तुलना में वहां काफी भीड़ जुटी थी. उमेश कुशवाहा भी मंचासीन थे.

महुआ के सभा मंच पर डा. आसमां परवीन (Aashma Parvin) आसीन नजर आयीं. वह बहुचर्चित अलकतरा घोटाले में सजायाफ्ता पूर्व मंत्री इलियास हुसैन (Iliyash Husain) की पुत्री हैं. 2020 के चुनाव में उन्हें जागेश्वर राय (Jageshwar Ray) जैसे स्थानीय दमदार नेता को नजरंदाज कर महुआ से JDU की उम्मीदवारी दी गयी थी.

माला पहनाने की भूमिका में दिखे 
आरसीपी सिंह के सभा मंच पर मौजूदगी से स्पष्ट है कि वह उनकी ‘कृपा’ से ही हासिल हुई होगी. ऐसा भी नहीं कि सिर्फ उमेश कुशवाहा के गुट के नेताओं-कार्यकर्त्ताओं ने ही आरसीपी सिंह का स्वागत किया. स्वागत करने वालों में पूर्व मंत्री दशई चौधरी (Dasai Chaudhary) सरीखे पार्टी के बुजुर्ग नेता भी थे. लेकिन, उन सबकी उपस्थिति सिर्फ रास्ते में माला पहनाने के रूप में नजर आयी.


यह भी पढ़ें :-
उमेश कुशवाहा की राजनीति को मिला था तब उपेन्द्र कुशवाहा का कंधा
उमेश कुशवाहा पर बरसती रही आरसीपी सिंह की कृपा


जानकारों के मुताबिक JDU संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा के कार्यक्रम में वैशाली जिला JDU ने शुरुआती सक्रियता नहीं दिखायी तब कार्यक्रम की तैयारी की बाबत उपेन्द्र कुशवाहा ने दल-दल घूमकर हाल ही में JDU में लौटे पूर्व मंत्री दशई चैधरी से अनुरोध किया.

शायद ही नज़र आते कभी
दरअसल, वैशाली जिला JDU पर जो लोग अभी काबिज हैं उसमें अधिसंख्य को वर्तमान रूप में उपेन्द्र कुशवाहा स्वीकार्य नहीं है. इसको इस रूप में कुछ अधिक सहजता से समझा जा सकता है कि वैशाली जिला JDU के बैनरों, पोस्टरों और होर्डिंगों में उपेन्द्र कुशवाहा शायद ही कभी नजर आते हैं. उनके सिवा अभी मुख्य रूप से वही लोग हैं जो रालोसपा में थे.

इसके बावजूद उनकी ‘बिहार यात्रा’ दमदार रही. पार्टी नेतृत्व के स्तर पर जिला इकाइयों के पुनर्गठन पर मंथन चल रहा है. ऐसा कोई निर्णय हुआ तो वैशाली जिला जद(यू) पर उपेन्द्र कुशवाहा के समर्थक नेताओं का नियंत्रण हो जा सकता है. लेकिन, तब तक उन्हें इंतजार करना पड़ेगा.

अपनी राय दें