यह गांव बौनों का नहीं, लम्बुओं का है!
तापमान लाइव ब्यूरो
09 अप्रैल 2023
BETTIAH : बौने (Baune) की कहानियां अक्सर कही-सुनी जाती हैं. लेकिन, लम्बुओं (Lamboo) के बारे में ऐसी शायद ही कोई कहानी होगी. पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले में एक ऐसा गांव (Village) है जिसने लम्बुओं की कहानी गढ़ दी है. इस गांव में एक नहीं, अधिसंख्य लोग लम्बे कद के हैं. इस वजह से इसे लम्बुओं के गांव की पहचान मिली हुई है. यह पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया (Lauria) प्रखंड का मरहिया (Marharia) गांव है. लम्बाई के मामले में इस गांव का हर पुरुष आमतौर पर ‘अमिताभ बच्चन’ है तो हर स्त्री ‘सोनम कपूर’. गांव के बारे में विशेष जानकारी रखने वालों के मुताबिक वहां पुरुषों की लम्बाई 6 फीट से ज्यादा है. किसी-किसी की 7 फीट के आसपास भी है. लड़कियों की लम्बाई 5 फीट 10 इंच के करीब है. यह औसत लम्बाई से ज्यादा है.
परेशानी नहीं, फायदा
नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (National Institute of Nutrition) के मुताबिक भारत में महिलाओं की औसत लम्बाई 5 फीट 3 इंच और पुरुषों की 5 फीट 8 इंच है. मरहिया में इस लम्बाई की वजह से पुरुषों को तो कोई खास परेशानी नहीं होती है, बल्कि फायदेमंद ही साबित हो रही है. इस रूप में कि गांव के अधिकतर युवक सेना में भर्त्ती होते हैं. उसमें इस लम्बाई का लाभ उन्हें मिल जाता है. लेकिन, स्त्रियों के लिए यह कष्टकारक है. सामान्य से ज्यादा लम्बाई होने के कारण उस कद के दूल्हे बड़ी मुश्किल से मिल पाते हैं. तकरीबन 250 घरों वाले मरहिया गांव की आबादी डेढ़ हजार के करीब है. 650 से अधिक क्षत्रिय परिवार के हैं. ऐसा कहा जाता है कि ये लोग सीवान (Siwan) जिले से आकर यहां बसे हैं.
एक किस्सा यह भी
हालांकि, इससे संबंधित एक किस्सा यह भी है कि वर्षों पूर्व एक दिन बेतिया के महाराज हरेन्द्र किशोर सिंह की पालकी इस क्षेत्र से गुजर रही थी. तभी एक हाथी ने उन पर हमला कर दिया. संयोगवश तलवारबाज ध्रुवनारायण सिंह भी उसी रास्ते से गुजर रहे थे. उन्होंने तलवार के एक प्रहार से ही हाथी की सूंड़ काट दी. घायल होकर हाथी गिर गया और उसके दम निकल गये. बेतिया महाराज (Bettiah Maharaj) की जान बच गयी. उन्होंने ध्रुवनारायण सिंह की बहादुरी की प्रशंसा करते हुए मरहिया गांव में सौ बीघा जमीन देकर उन्हें पुरस्कृत किया. वहीं बसने का आदेश भी दिया. तब से क्षत्रिय परिवार के लोग वहां बसे हुए हैं.