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नवरात्र की जयंती से मिल जाते हैं भविष्य के संकेत

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डा. राघवनाथ झा
14 अक्तूबर 2023

Patna : तमाम सनातनियों को यह जानकारी होगी ही कि नवरात्र (Navratri) में कलश के नीचे जयंती बोयी जाती है. अंतिम दिन जयंती को काटकर देवी दुर्गा को अर्पित किया जाता है. फिर उनके आशीर्वाद के रूप में परिवार (Family) के लोग जयंती को सिर या कान पर रखते हैं. इसके अलावा भी जयंती के और कई महत्व हैं. नवरात्र के प्रथम दिन कलश स्थापना की जाती है. उसी वक्त कलश के नीचे रखी मिट्टी (Soil) में जौ बो दिया जाता है. तीन-चार दिन बाद उसमें अंकुर निकल आते हैं. उसे ही जयंती कहा जाता है.

दूर होती है नकारात्मक ऊर्जा
नवरात्र में जयंती का विशेष धार्मिक महत्व (Religious Significance) है. इसकी विधिवत पूजा की जाती है. नौ दिन बाद अर्थात दशमी तिथि को कलश को नदी में विसर्जित (Dissolve) कर दिया जाता है. जयंती से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) का प्रवाह रहता है. परिवार में सुख-शांति रहती है और समृद्धि आती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जयंती केवल पूजा की चीज नहीं है, बल्कि ये भविष्य की बाबत संकेत भी देती है. जयंती को अन्नपूर्णा माना जाता है. इसलिए नवरात्र में उनकी पूजा की जाती है.


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उतनी ही कृपा मिलती है माता की
कहते हैं कि बोयी गयी जयंती जितनी बढ़ती है, उतनी ही कृपा माता की मिलती है. जब भी देवी-देवताओं का हवन किया जाता है तो उसमें जौ (Barley) का उपयोग होता है. ऐसा इसलिए कि शास्त्रों में अन्न को ब्रह्म माना गया है. नवरात्र में जयंती की पूजा का यही आधार है. जयंती को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं. इन मान्यताओं के आधार पर जयंती अगर हरी-भरी रहती है तो परिवार में सुख-शांति रहती है, तरक्की भी होती है. जयंती जितनी हरी-भरी रहेगी, आर्थिक रूप से उतने ही मजबूत रहेंगे. परिवार में प्रेम भाव बना रहता है.

विकास न होना शुभ संकेत नहीं
इसके विपरीत जयंती का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है तो इसे शुभ संकेत (Lucky Cue) नहीं माना जाता है. मान्यता है कि इससे आने वाले साल में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इसके लिए हर रोज दुर्गा पाठ, दुर्गा चालीसा (Durga Chalisa) या दुर्गा मंत्रों का जप करना चाहिये. वैसे तो जयंती दो से तीन दिन बाद अंकुरित हो जाती है, लेकिन अगर देरी से अंकुरित होती है तो आगे के दिनों में अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. साथ ही जिस चीज के लिए आप मेहनत कर रहे हैं, उसका फल मिलने में विलंब हो सकता है. जयंती जितनी तेजी से बढ़ती है, उतनी ही तेजी से उन्नति (Development) भी होती है.

(यह आस्था और विश्वास की बात है. मानना और न मानना आप पर निर्भर है.)
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