दूना हो गया बल… दिखने लगे उन्हें दिन में तारे!
अशोक कुमार
13 अप्रैल 2024
Purnea : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री देवेन्द्र प्रसाद यादव (Devendra Prasad Yadav) का साथ मिल जाने से पूर्णिया संसदीय क्षेत्र में निर्दलीय दहाड़ रहे राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव का सीना थोड़ा चौड़ा जरूर हो गया होगा. सामान्य समझ है कि वैसे तो वह खुद ताकतवर हैं ही, स्वजातीय समाज के दूसरे कद्दावर नेता का समर्थन-सहयोग प्राप्त होने से उत्साह दूना हो गया है. इससे राजद उम्मीदवार बीमा भारती (Bima Bharti) की बचैनी तो बढ़ ही गयी है, एंटी इनकंबेंसी से जूझ रहे जदयू प्रत्याशी निवर्तमान सांसद संतोष कुशवाहा (Santosh Kushwaha) की सांसें भी फूलने लगी हैं. बीमा भारती के लिए अकेले तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejaswi Prasad Yadav) ही नहीं, लगभग पूरा राजद जोर लगाये हुए है. लालू प्रसाद (Lalu Prasad) की भी चुनावी सभा होने वाली है. यहां तक कि पप्पू यादव की कांग्रेस सांसद पत्नी रंजीत रंजन (Ranjit Ranjan) भी गठबंधन धर्म का पालन करते हुए बीमा भारती के पक्ष में अभियान चलाने वाली हैं.
गायब है इत्मीनान
विश्लेषकों का मानना है कि इसके बावजूद राजद खेमे से इत्मीनान गायब है. यही हाल एनडीए (NDA) का है. संतोष कुशवाहा के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पूर्णिया पधारने वाले हैं. तब भी सुकून की सांस नहीं मिल रही है. क्षेत्र के लोगों की मानें, तो इत्मीनान और सुकून पप्पू यादव के निर्दलीय शामियाने में आराम फरमा रहे हैं. अपने अभियान से पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने तमाम ‘सुख-सुविधाएं ‘ उपलब्ध करा रखी है. फिर एनडीए या राजद के शामियाने की ओर वे ताकझांक क्यों करें? पप्पू यादव रोकर हो या फिर गाकर, अवसरों को अपने अनुकूल बना लेने में माहिर माने जाते हैं. पूर्णिया में भी वैसा कर रहे हैं.
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बना लेते हैं अनुकूल
पूरे रमज़ान के दरम्यान वह रोजेदारों, नमाजियों के बीच ही नहीं, मस्जिदों, मकतबों और मदरसों में भी हाजिरी लगाते रहे. ईद मुबारक के मौके पर गांव-गांव, मुहल्ले-मुहल्ले जाकर गले मिले. गौर करने वाली बात यह भी कि उसी दिन आदिवासियों के त्योहार पर उनके बीच जा उन्होंने साथ में नाच-गाकर खुशियां मनायी. उन्हें करीब से जानने वालों के मुताबिक पप्पू यादव में यह भी खूबी है कि प्रतिकूल परिस्थितियों को वह अनुकूल बना लेते हैं. अब देखिये, पूर्णिया (Purnea) जिला प्रशासन ने उनके चुनाव कार्यालय-सह-आवास पर पहुंच प्रचार वाहनों के कागजात की छानबीन की, तो सख्त लहजे में सवाल उठा दिया कि जब प्रचार वाहनों को सजाया ही जा रहा है तो आवासीय स्थल से उन्हें जबरन उठा ले जाना सुनियोजित राजनीतिक-प्रशासनिक साजिश नहीं तो और क्या है? हालांकि, प्रशासनिक कार्रवाई में उन्होंने कोई अवरोध खड़ा नहीं किया. प्रचार वाहनों को ले जाने दे दिया.
हत्या की साजिश
द में मीडिया से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा कि उनकी हत्या की बड़ी साजिश रची जा रही है. इसके तहत पहले उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा छीन ली गयी. फिर चौतरफा राजनीतिक साजिश के तहत उनकी पार्टी समाप्त करा दी गयी. चुनाव (Election) में कांग्रेस (Congress) की उम्मीदवारी से वंचित करा दिया गया. अब निर्दलीय प्रत्याशी (Candidate) के रूप में पूर्णिया से चुनाव लड़ रहे हैं तो प्रशासनिक महकमा अकारण उन्हें परेशान करने लगा है. जीत की आश्वस्ति वाले लहजे में उनका कहना रहा कि चुनाव में पूर्णिया की जनता एक साथ सबको सबक सिखा देगी.
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