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मां कात्यायनी धाम: धार्मिक न्यास समिति में विवाद ऐसा उभरा कि…

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राहत रंजन
27 जुलाई 2023

Khagaria : मां कात्यायनी ( Maa Katyayani) स्थान की व्यवस्था की देख रेख एवं विकास के लिए बिहार धार्मिक न्यास पर्षद  ने धार्मिक न्यास समिति बना रखी है. पहले अनुमंडलाधिकारी इसके अध्यक्ष हुआ करते थे. गहराते विवाद के मद्देनजर यह जिम्मेवारी अब जिलाधिकारी को दे दी गयी है. वर्तमान में युवराज शंभु और विजेन यादव उपाध्यक्ष, राजेन्द्र पासवान सचिव और संजय प्रसाद साहू कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं. इनके अलावा चन्देश्वरी राम, रतन सिंह, संजय यादव, शैलेन्द्र यादव, अरुण यादव, राजेन्द्र पासवान, शिल्पी कुमारी आदि सदस्य हैं.

2015 में बनी थी न्यास समिति
पंचवर्षीय कार्यकाल के लिए पहली बार न्यास समिति का गठन सितम्बर 2015 में हुआ था. बिहार धार्मिक न्यास पर्षद (Bihar Religious Trust Board) ने मां कात्यायनी धार्मिक न्यास समिति को विवादों से दूर रखने के लिए सदस्य चयन में स्थानीय सामाजिक समीकरण का ख्याल रखा था. इसी के मद्देनजर 11 सदस्यीय न्यास समिति में 9 जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया. तब भी यह विवादमुक्त नहीं रह पायी. स्थानीय लोगों के मुताबिक मंदिर की व्यवस्था पर हावी होने की होड़ ने इसके विकास को अवरूद्ध कर रखा है.


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विवाद इस वजह से है
धार्मिक न्यास समिति में सवर्ण समाज का सिर्फ एक सदस्य है. स्थानीय राजनीति को वह भी नहीं पच पा रहा है. लोग महसूस करते हैं कि मंदिर के विकास में यह मानसिकता भी बाधक बनी हुई है. मुख्य रूप से विवाद चौथम राज (Chautham Raj) के आखिरी वारिस युवराज शंभु (Yuvraj Shambhu) को उपाध्यक्ष बनाने को लेकर है. इसी विवाद में अक्तूबर 2022 में अंचलाधिकारी के साथ धक्का-मुक्की हुई थी.

नहीं पच रहे युवराज शंभु
पूर्व में गठित धार्मिक न्यास समिति का कार्यकाल जुलाई 2020 में पूरा हो गया. विवाद की वजह से नयी समिति नहीं बन पायी. करीब एक साल तक मंदिर (Temple)की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के नियंत्रण में रही. अप्रैल 2022 में नयी समिति बनी. तब भी विवाद खत्म नहीं हुआ. इसके बाद भी वही समिति अस्तित्व में है. कुछ लोगों को आपत्ति इस पर है कि उपाध्यक्ष पद के लिए युवराज शंभु का नाम अनुमंडलाधिकारी ने नहीं भेजा था. बिहार धार्मिक न्यास पर्षद ने अपने स्तर से उन्हें उपाध्यक्ष बना दिया.

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