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इस मुलाकात के बाद बदल गये हालात

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संजय वर्मा
22 अगस्त 2023

Patna : आर एस भट्टी (R S Bhatti) केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे. सीमा सुरक्षा बल में पूर्वी कमांड के अपर महानिदेशक के तौर पर कोलकाता  (Kolkata) में पदस्थापित थे. बिहार कैडर के पांच आईपीएस (IPS) अधिकारियों की वरीयता को लांघ इन्हें पुलिस महानिदेशक बनाया गया. बिहार में उस वक्त महानिदेशक स्तर के 11 पुलिस अधिकारी थे. उनमें प्रथम वरीयता शीलबर्द्धन सिंह को प्राप्त है. 1986 बैच के उत्तर प्रदेश के मूल निवासी शीलबर्द्धन सिंह लंबे अरसे से केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. सेवाकाल उनका 31 अगस्त 2023 तक है. बिहार (Bihar) नहीं लौटने पर अडिग रहने की वजह से वह इस पद से वंचित हैं. दूसरी वरीयता तमिलनाडु (Tamil Nadu) निवासी ए सीमा राजन (A Seema Rajan) की थी. 1987 बैच के इस आईपीएस अधिकारी की सेवानिवृत्ति 28 फरवरी 2023 को हो गयी. केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति का मोह और दो-ढाई माह की शेष सेवा अवधि की वजह से उनकी संभावना नहीं बनी.

इसलिए नहीं मिला अवसर
1988 बैच के उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) निवासी अरविन्द पांडेय (Arvind Pandey) को अवसर मिल सकता था. अनियमितता के एक आरोप की वजह से वंचित रह गये. कुछ लोगों का कहना है कि ‘मुखरता’ उनकी राह का रोड़ा बन गयी. वैसे, सेवा भी 30 जून 2023 तक ही थी. इस तारीख को वह सेवानिवृत्त हो गये. 1988 बैच के मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) भी केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. 31 जुलाई 2023 को सेवानिवृत्ति तय रहने के बावजूद पुलिस महानिदेशक (Director General of Police) का पद पाने को वह इच्छुक थे. उनकी भी सेवानिवृत्ति हो गयी है. तमाम अगर-मगर के बाद संभावना तीन पुलिस अधिकारियों की बनी.1989 बैच के आलोक राज (Alok Raj) और 1990 बैच के आर एस भट्टी एवं शोभा अहोतकर (Shobha Ahotkar) की. जानकारों के मुताबिक संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने इन तीनों के ही नाम का पैनल भेजा था. राज्य सरकार ने चयन आर एस भट्टी का किया.


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पसंद तो उनकी ही थे
वैसे तो निर्णय सरकार का है, पर प्रशासनिक हलकों में चर्चा है कि आर एस भट्टी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की पसंद हैं. लालू प्रसाद (Lalu Prasad) और उनकी विरासत संभाल रहे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव (Tejashwi Prasad Yadav) को आलोक राज पर कुछ अधिक भरोसा था. पदभार ग्रहण करने के बाद आर एस भट्टी के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) के आवास पर जाकर तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात से इस चर्चा को बल मिला. कानून के अनुरूप चलने वाली शोभा अहोतकर के नाम पर न विचार होना था न हुआ. प्रशासनिक महकमे में चर्चा है कि नीतीश कुमार के स्तर से आलोक राज के नाम पर सहमति बन गयी थी. राजद (RJD) की विशेष रुचि के मद्देनजर आर एस भट्टी को अवसर उपलब्ध हो गया. पर, तेजस्वी प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद परिस्थितियां पूरी तरह उलट गयी.

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