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प्रदेश भाजपा नेतृत्व के खिलाफ खुल गया मोर्चा!

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विशेष प्रतिनिधि
16 जनवरी 2024

Patna : भाजपा यूं ही नहीं ‘पार्टी विथ डिफरेंस’ कही जाती है. डिफरेंस या मतभेद, यह हर जगह है. यह अलग बात है कि मतभेद रखने वाला अगर कमजोर पड़ता है तो उसे खूंटी पर टांग दिया जाता है. जिस तरह पार्टी के बुजुर्ग नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) इन दिनों खूंटी पर टंगे हुए हैं. बेचारे को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में आने के बदले न आने के लिए आमंत्रण (Invitation) दे दिया गया है. खैर, यहां मुद्दा लालकृष्ण आडवाणी जैसे बड़़े नेताओं का नहीं, उन्हीं की तरह खूंटी में टंगने की प्रतीक्षा में जुड़े नेताओं का है. कमाल यह है कि खूंटी में टांगने का उपाय उन नेताओं का किया जा रहा है, जो मजबूत दिखाई देते हैं. खबर यह आ रही है कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष को ही खूंटी में टांगने की तैयारी चल रही है.

गिरते-गिरते बचे
मध्य प्रदेश में बिरादरी के विधायक को मुख्यमंत्री का पद देने के बाद से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) का खेमा उत्साहित चल रहा है. इस खेमा को लग रहा है कि बाजी पलटने का यही सही समय है. पिछले दिनों उनकी बड़ी फजीहत हुई थी. उन्होंने अत्यंत पिछड़ी एक जाति का सम्मेलन तामझाम से बुलाया था. इरादा यह था कि भीड़ जुटाकर केंद्रीय नेतृत्व को बता देंगे कि देखो, जिस अत्यंत पिछड़ी जाति (Extremely Backward Caste) के लिए आप बेचैन हो, वह हमारी मुट्ठी में है. लेकिन, सम्मेलन में इतनी कम भीड़ जुटी थी कि वह गश खाकर गिरते-गिरते बचे. केंद्रीय नेतृत्च (Central Leadership) को रिपोर्ट गयी कि जितने लोग सम्मेलन के हाल में बैठे थे, उससे अधिक लोग मंच पर बैठे हुए थे. सबूत के रूप में सम्मेलन का वीडियो भेज दिया गया.


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अघोषित मुहिम
राजनीति महसूस कर रही है कि इससे नाराज नित्यानंद राय के खेमे ने प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) के खिलाफ अघोषित मुहिम छेड़ रखी है. केंद्रीय नेतृत्व को बताया जा रहा है कि सम्राट चौधरी खानदानी तौर पर राय विरोधी हैं. उस समय भी राय बंधु अध्यक्ष और परिवार के सदस्यों को वोट नहीं देते थे, जब यह परिवार लालू प्रसाद (Lalu Prasad) की पार्टी में था. इसके अलावा उनकी बोली-वाणी से भी वोटरों का पढ़ा-लिखा तबका नाराज रहता है. दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. राजनीति के गलियारे में चर्चा है कि इस मान्य और स्थापित सिद्धांत के आधार पर नित्यानंद राय को कथित रूप से विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) का भी समर्थन मिल गया है. उन्हें याद दिलाया गया है कि किस तरह मंत्री रहने के समय सम्राट चौधरी ने भरी सभा में उनका अपमान किया था. लाइव प्रसारण में बोल दिया था कि ‘व्याकुल मत होइये. जवाब दे रहे हैं.’ भाजपा (BJP) के लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं कि इस लड़ाई में खूंटी पर कौन टंगता है.

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