यह कैसा खेल है बसपा सुप्रीमो मायावती का!
तापमान लाइव ब्यूरो
13 जनवरी 2024
Lucknow : सांसद दानिश अली को पार्टी से निलंबित कर बसपा ने अपने पांव में खुद कुल्हाड़ी मार ली है. उत्तरप्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत के रूप में पार्टी के सबसे खराब प्रदर्शन का गवाह रहे दलीय नेताओं की चिंता इस आशंका से बढ़ गयी है कि दानिश अली (Danish Ali) के निलंबन से लोकसभा के चुनावों में बसपा को गहरा झटका लग सकता है. गौर करने वाली बात है कि यह कोई पहला मामला नहीं है. इधर के वर्षों में कई मुस्लिम नेता बसपा से अलग हो गये हैं. शुरुआत कभी ‘मिनी सीएम’ के रूप में चर्चित रहे नसीमुद्दीन सिद्धीकी और उनके बेटे अफजल सिद्धीकी से हुई इन दोनों को पार्टी से निष्कासित (Expelled) कर दिया गया. उस साल विधानसभा के चुनाव में बसपा (BSP) ने केवल 19 सीटें जीती थी.
इमरान मसूद को निकाला
अगस्त 2023 में पूर्व विधायक इमरान मसूद को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बसपा से निकाल दिया गया. सिर्फ इसलिए कि इमरान मसूद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की प्रशंसा कर दी थी. मई 2023 में गैंगेस्टर एक्ट में दोषी ठहराये जाने के बाद सांसद अफजल अंसारी (Afzal Ansari) को अयोग्य घोषित कर दिया गया था. उन्हें चार साल की कैद की सजा सुनायी गयी थी. बाद में सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने उस सजा को निलंबित कर दिया. अब महापौर के चुनाव में बसपा दिवंगत अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन को उम्मीदवारी देती है या नहीं, यह देखना दिलचस्प होगा.
ये भी पढें :
बस, अपनों की महत्वाकांक्षा से परेशान हैं वह
उम्मीदवारी पर सवाल, महागठबंधन में बवाल!
रूखा सूखा ही लिखा है उनकी किस्मत में !
उठ रही है यह मांग
बसपा के अनेक नेताओं का मानना है कि मुस्लिम समुदाय कांग्रेस (Congress) की ओर देख रहा है. इसके मद्देनजर पार्टी को विपक्षी गठबंधन (Opposition Alliance) से जुड़ जाना चाहिये. आगामी चुनावों में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन के लिए यह आवश्यक है. बसपा के पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मवीर चौधरी का मानना है कि पार्टी को विपक्षी दलों के आईएनडीआईए ब्लाक के साथ गठबंधन करना चाहिये. नेताओं को ऐसे ही पार्टी से निकालते रहेंगे तो कौन लड़ेगा? मुस्लिम नेताओं को पार्टी से बाहर करने से राज्य में बसपा की संभावनाओं पर ग्रहण लग जा सकता है.
#Tapmanlive